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गायब हुई चीनी की मिठास, राजस्थान के व्यापारियों पर आया संकट, राज्य सरकार को भी हो रहा 120 करोड़ का नुकसान

locationजयपुरPublished: Jul 08, 2019 11:28:41 pm

Rajasthan Budget : चीनी से मंडी सेस हटाने की मांग

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गायब हुई चीनी की मिठास, राजस्थान के व्यापारियों पर आया संकट, राज्य सरकार को भी हो रहा 120 करोड़ का नुकसान

जगमोहन शर्मा / जयपुर। देशभर में राजस्थान के अलावा अन्य किसी राज्य में मंडी सेस नहीं होने से उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गजरात के व्यापारी राजस्थान में अपना माल बेच रहे है, जिससे राज्य के चीनी व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है और उनके सामने बेरोजगारी को संकट खंडा हो गया है। राज्य सरकार को भी इस कारण मंडी सेस 120 करोड़ रुपए और जीएसटी के मद में 250 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। व्यापारियों का कारोबार भी 125 करोड़ रुपए वार्षिक प्रभावित हो रहा है।
देशभर में राजस्थान के अलावा अन्य किसी राज्य में मंडी सेस नहीं है, जिससे यहां इसकी कीमत अन्य राज्य की तुलना में ज्यादा है, जिसका फायदा उठाते हुए अन्य राज्य के व्यापारी अपना माल सस्ते में यहां बेच जाते है और इससे राज्य के व्यापारी के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है।
20 जुलाई को महाअधिवेशन
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के तत्वावधान में सोमवार को राज्य के चीनी व्यापारियों के हुए सम्मेलन में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि सरकार से व्यापारी काफी समय से चीनी पर से सेस हटाने की मांग कर रहे है पर सरकार व्यापारियों की मांगों को नजर अंदाज कर रही है, लेकिन अगर बुधवार को पेश हो रहे बजट ( rajasthan budget ) में भी सरकार अगर चीनी से मंडी सेस कम या समाप्त नहीं करती है तो राज्य के व्यापारी 20 जुलाई को एक महाअधिवेशन करेंगे, जिसमें आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
यह है मांग
जीएसटी के बाद मण्डी सेस भी देने से व्यापारी बेरोजगार हो रहे है और उनको करीब 125 करोड़ रुपए का वार्षिक नुकसान हो रहा है। गुप्ता ने मांग की कि चीनी पर मण्डी सेस तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाना चाहिए या फिर इसे 0.50 प्रतिशत की श्रेणी में लाया जाना चाहिए। इससे न केवल व्यापारियों को लाभ होगा, बल्कि व्यापारी बेरोजगार होने से बचेंगे और सरकार को रेवेन्यू का नुकसान भी नहीं होगा।
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