शहर में निजी संस्था की ओर से करवाए गए सर्वे में लोगों के खुले में रात गुजारने के साथ रैन बसेरों में भी कई खामियां मिली। संस्था के अनुसार शहर में दूर-दराज से मजदूरी या अन्य आजीविका की तलाश में आने वाले करीब 3000 लोग एेसे है, जो खुले में रात बिता रहे हैं। इनमें एसएसएस अस्पताल, जेकेलोन अस्पताल और बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के आस-पास लोग फुटपाथ या सडक़ किनारे खुले में रात बिता रहे हैं। इसके अलावा रैन बसेरों में बॉथरूम आदि की कमियां पाई गई। वहीं महिलाओं के रैन बसेरे में महिला गार्ड नहीं है। हालांकि निगम प्रशासन ने कुछ महिला रैन बसेरों में रात 10 बजे तक महिला गार्ड तैनात कर रखी है, इसके बाद रैन बसेरे पुरुष सुरक्षाकर्मी के जिम्मे रहते हैं। अब नगर निगम ने शहर में 10 जगहों पर और रैन बसेरे बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं लोगों को गर्म खाना उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा रसोई गैस से भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर दिए है। इसके अलावा नगर निगम रैन बसेरों में अधिक दिनों तक रहने वालों के पहचान पत्र भी बना रहा है।