कलक्ट्रेट पहुंची अमिता के चेहरे पर खुशी झलक रही थी तो कलक्टर पापा से मिलने की उत्सुकता भी थी। जैसे ही कलक्टर के चैंबर में अमिता ने प्रवेश किया तो कलक्टर भी खुश हुए। अमिता ने कलक्टर जगरूप सिंह यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद कलक्टर ने कुर्सी छोड़कर सोफे पर बैठाकर अमिता से बातें की। पढ़ाई से लेकर उसकी हॉबी और खान-पान आदि की पसंद पूछी। करीब दो घंटे तक कलक्टर ने अमिता के साथ बिताए।
इस दौरान कलक्टर ने अमिता को दिवाली गिफ्ट के रूप में कपड़े, पटाखे और चॉकलेट दी। अमिता ने सबसे पहले अपने हाथों से कलक्टर को चॉकलेट खिलाई। इधर कलक्टर यादव भी बेटी अमिता को देख भावुक हुए। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी लंदन में रहती है। उससे मिले काफी समय हो गया। अमिता से मिलकर उसकी याद आ गई।
दूसरे कलक्टर को अमिता के बारे में कहकर जाऊंगा
इस दौरान कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि व्यस्थता के चलते अमिता से मैं नहीं मिल पाया। लेकिन अब बेटी का पूरा ध्यान रखा जाएगा। वैसे समय-समय पर एसडीएम ओमप्रभा अमिता से मिलती थी। अब बेटी को समय-समय पर कलक्ट्रेट बुलाया जाएगा। इतना ही नहीं अमिता की इच्छा है वह बड़ी होकर एसडीएम बनना चाहती है। इसीलिए उसकी स्किल डवलपमेंट पर विशेष जोर दिया जाएगा। कलक्टर मैं रहूं या कोई और। अमिता का खयाल रखा जाएगा। पद से रिटायर्ड भी होने के बाद दूसरे कलक्टर को अमिता के बारे में बताकर जाऊंगा।
रंग लाई पत्रिका की पहल
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका में बुधवार को जयपुर कलक्टर की गोद ली गई बेटी अमिता टांक की पीड़ा को बयां किया था। ना ही अमिता ने और ना ही कलक्टर ने एक दूसरे को देखा था। 10 मिलने बाद बेटी को कलक्टर पापा का प्यार मिला।