यादव ने बताया, प्रशासनिक कार्यवश सचिवालय गया था। इस दौरान कुछ देर के लिए अशोक विहार गार्डन में घूमने चला गया। वहां एक व्यक्ति पेड़े का प्रसाद बांट रहा था। मेरी तरह मौके पर जिसने भी पेड़े खाए, सभी ने उगल दिए और पेड़े दूषित होने की शिकायत करने लगे। उस व्यक्ति ने बताया कि ताड़केश्वर मंदिर के सामने एक दुकान से पेड़े खरीदे थे। बाद में पुलिस व सीएमएचओ की टीम ने जाकर दुकान से सैंपल लिए। सीएमएचओ नरोत्तम शर्मा ने बताया कि सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
की थी समीक्षा गौरतलब है कि गत सोमवार को ही कलक्ट्रेट में समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर से जांच के सैम्पल लेने के मामले में समीक्षा की थी। पनीर, मावा एवं मिठाइयों के साथ मिलावटी मसालों के भी सैम्पल लेकर जांच कराने के निर्देश दिए थे।
अब तो जागें जिम्मेदार कलक्टर के मुंह में दूषित पेड़ा जाना स्वास्थ्य विभाग के लिए शर्मनाक है। अब तो विभाग को अन्दाजा हो गया होगा कि वह किस कदर नाकाम है। अब आत्ममंथन करे कि वह सोया क्यों रहता है। साल में सावों-त्यौहारों के समय ही क्यों जागता है। रक्षाबंधन के नजदीक आते वह फिर जागेगा और सालाना दस्तूर निभाकर फिर सो जाएगा। इसे स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी और लापरवाही मानें या मिलीभगत? विभाग जान ले कि जन स्वास्थ्य से अधिक अहम कुछ नहीं है। जनता की सेहत बिगड़ी तो…! अब तो जिला प्रशासन को भी इस पर गम्भीर होना चाहिए।