जयपुर कमिश्ररेट: एक भी थाना टॉप-20 में नहीं बना पाया जगह
प्रदेश के 40 पुलिस जिलों की पीएमएस रिपोर्ट: जयपुर दक्षिण और पूर्व जिला अंतिम पांच में, उत्तर व पश्चिम क्रमश: 16 व 25 वें स्थान पर

जयपुर. साल भर के आकलन की पीएमएस रिपोर्ट में जयपुर कमिश्ररेट पिछड़ गया है। कमिश्ररेट पुलिस अपराधियों को पकडऩे से लेकर विभिन्न पहलुओं पर अन्य जिलों की पुलिस से काफी पीछे है। रिपोर्ट में टॉप 5 तो छोड़ें, शहर के दो जिले तो अंतिम पांच में आए हैं। अन्य दो जिलों का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा है। जयपुर पुलिस से बेहतर काम तो कोटा ग्रामीण, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ की पुलिस कर रही है। जयपुर आयुक्तालय का एक भी थाना टॉप-20 में जगह नहीं बना सका है।
्र15 जिलों के बाद आया राजधानी का नाम
पीएमएस के तहत प्रदेश के 40 पुलिस जिलों का प्रदर्शन आंका गया है। शहर की पुलिस की तुलना में ग्रामीण एवं आदिवासी इलाकों की पुलिस ने अच्छा काम किया है। चाहे वह कानून व्यवस्था हो या फिर अपराधियों की धरपकड़। जयपुर पुलिस हर मामले में फिसड्डी साबित हुई है। राजधानी से बेहतर 15 जिले हैं। 16 वें स्थान पर जयपुर उत्तर जिला आया है, वहीं 25 वें स्थान पर जयपुर पश्चिम।
यह तो सबसे ही पीछे
जयपुर दक्षिण जिला तो 40 में से 39 वें स्थान पर रहा है। वहीं 37 वें नंबर पर जयपुर पूर्व जिला रहा है। इन दोनों जिलों में अपराध भी सर्वाधिक रहा है। अलवर, टोंक और भरतपुर जिलों के समकक्ष ये दोनों जिले हैं। क्या है पीएमएस रिपोर्टपुलिस मुख्यालय ने थाना, सर्कल एवं जिला पुलिस के प्रदर्शन को आंकने के लिए परफॉर्मेंस मेजरमेंट सिस्टम बनाया था।
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