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सोच को पॉजिटिव रख कोरोना को निगेटिव किया, अब दूसरों को भी सीखा रहे, देखें वीडियो

locationजयपुरPublished: Oct 11, 2020 07:15:15 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

कोरोना से डरे नहीं, खुद को सकारात्मक रखें, अकेलापन हावी नहीं हो इसके लिए आप गाने गाए, किताबें पढ़े, लोगों की मदद करे और वो करने की कोशिश करें, जिसे आप पहले व्यस्तता के चलते नहीं कर पा रहे थे।

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कोरोना से डरे नहीं, खुद को सकारात्मक रखें, अकेलापन हावी नहीं हो इसके लिए आप गाने गाए, किताबें पढ़े, लोगों की मदद करे और वो करने की कोशिश करें, जिसे आप पहले व्यस्तता के चलते नहीं कर पा रहे थे।

जयपुर। कोरोना से डरे नहीं, खुद को सकारात्मक रखें, अकेलापन हावी नहीं हो इसके लिए आप गाने गाए, किताबें पढ़े, लोगों की मदद करे और वो करने की कोशिश करें, जिसे आप पहले व्यस्तता के चलते नहीं कर पा रहे थे। यह कहना है शहर में रहने वाले उन लोगों का जिन्होंने खुद कोरोना से जूझते हुए सकरात्मकता फैलाई और ना केवल कोरोना को मात दी बल्कि लोगों को भी अलग-अलग तरीके से मोटिवेट कर रहे है। कोई सोशल साइट्स पर गीत गुन गुनाए तो, कोई कोरोना संक्रमित को काढा पहुंचा रहे है तो कोई उन्हें फोन करके हाल पूछ रहे है और मोटिवेट कर रहे है। पेश है एक रिपोर्ट।
वेंटिलेटर पर जाते ही सबने उम्मीद छोड़ी, मैं लोगों की बढ़ा रहा हूं
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी वाई.के शर्मा ने 35 दिन अस्पताल में कोरोना से मौत की जंग लड़ी। पांच दिन गंभीर हालत में वेंटीलेटर पर रहे तो, चिकित्सकों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी। ३ सितंबर को ठीक होकर घर आए। अब इन्होंने लोगों को पॉजिटिव करने की ठानी है। कोरोना को लेकर आत्म कथा लिख रहे है और परिचितों या उनके जानकारों को संक्रमित आने पर मोटिवेट कर रहे है। यह रेलवे अस्पताल, जयपुरिया अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काली मिर्च, इलायची, नींबू, सौंठ आदि समान भी भेज रहे है।
गाने गाकर दे रहे पॉजिटिव फीलिंग
क्वॉरंटीन मरीजों तनावमुक्त करने के लिए जेसीटीएसएल के ओएसडी वीरेंद्र वर्मा गाने गा रहे है। सोशल मीडिया पर इनके गाने शेयर भी किए जा रहे है। वर्मा बताते है कि, उनके परिचित को कोरोना हो गया। इसके बाद वे घर ही बैठे-ृबैठे तनाव में आ गए। इस दौरान उन्होंने एक गाना गाकर उनका तनाव दूर किया। इसके बाद उन्होंने सभी मरीजों के तनाव को दूर करने के लिए यह पहल शुरू की। कार्यालय से काम पूरा करने के बाद रोज सोशल मीडिया पर पुराने गानों को गाकर मरीजों का तनाव दूर कर रहे हैं।
संगीत ने मानसिक रूप से मजबूत बनाया
उत्तर पश्चिम रेलवे के उपमहाप्रबंधक शशिकिरण ने बताया कि क्वॉरंटीन समय संगीत ने सबसे अहम भूमिका निभाई। गिटार और केसियो पर संगीत को एक्सप्लोर किया। रोज लगभग दो घंटे म्यूजिक सेशन में गुजरते हैं। मैंने पुराने गानों का मेडले तैयार किया और उसे फिर सोशल मीडिया पर शेयर किए है। निर्माण नगर के पाश्र्वनाथ कॉलोनी निवासी डॉ अमित शर्मा बताते है कि, पड़ौसी और परिजन तनाव में नहीं आए, इसलिए सुबह-शाम पुराने नगमे गुनगुनाकर सबका मनोरंजन कर रहे थे। सोशल साइट्स भी वीडियो शेयर किए लोगों ने भी खूब सराया।
यह भी आया सामने
ऑनलाइन क्लासेज में गिटार सीखने वालों की तादाद भी बढ़ गई है। लोग सकारात्मकता के लिए क्लासेज ले रहे है और सोशल मीडिया पर पॉजिटिव मैसेज दे रहे है। गिटार टीचर उत्तम माथुर ने बताया कि इस समय हर उम्र के लोग गिटार सीख रहे है। लोग अपने क्वारंटीन टाइम को म्यूजिक के साथ गुजारना पसंद कर रहे हैं।

किताबें-डायरी ने रखा पॉजिटिव
वैशाली नगर स्थित ए ब्लॉक निवासी राहुल गौड़ ने बताया कि वह पिछले महीने कोरोना से संक्रमित हो गए थे। चारों ओर निगेटिव माहौल के बीच कमरे में बंद रहना चुनौती साबित हो रहा था। अकेलापन हावी होने लगा तो, किताबे पढऩा, डायरी लिखना, योगा-एक्सरसाइज करना शुरू किया। मेरे संपर्क में जो भी लोग संक्रमित आए है, उन्हें भी ऐसा करने को मोटिवेट कर रहा हूं। क्योंकि इस वक्त में आप वह सब कुछ कर सकते है, जो पहले नहीं कर पा रहे थे।

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