एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि सात दिन पहले बगरू रीको औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री मालिक घनश्याम ने इस संबंध में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि एक व्यापारी से तकिए और गद्दे बनाने का कच्चा माल लिया था। लेकिन कोरोना के चलते रुपए नहीं दे पाया। अब धीरे-धीरे व्यापारी के रुपए चुका रहा था। लेकिन व्यापारी ने पीडि़त के खिलाफ बगरू थाने में परिवाद दर्ज करवाया।
परिवाद की जांच के बहाने एसएचओ रिश्वत की मांग कर रहे हैं। दस दिन पहले बगरू थाने के एक कांस्टेबल को भेजकर 15 हजार रुपए मंगवाए थे। अब 25 हजार रुपए रिश्वत और मांग रहे हैं। ट्रैप की कार्रवाई एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह को सौंपी गई।
सत्यापन में 10 हजार रुपए की रकम एसीबी ने शिकायत मिलने के अगले दिन रिश्वत मांगने का सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान एसएचओ रतनलाल ने परिवादी से 21 हजार रुपयों की मांग की। पीडि़त गुरुवार को रिश्वत के 10 हजार रुपए लेकर थाने पहुंचा। एसएचओ ने कहा कि 21 हजार रुपए में बात हुई थी। पीडि़त ने 10 हजार रुपए में सौदा तय होना बताया, तब रिश्वत की राशि एक लिफाफे में डलवाकर रखवा ली। तभी एसीबी ने आरोपी एसएचओ रतनलाल को पकड़ लिया।
निलम्बित हुआ, फिर कमिश्नरेट में कराई पोस्टिंग
रतनलाल सबसे पहले यहां मानसरोवर थाने में पदस्थापित हुआ था। यहां मिली कई शिकायतों के बाद उसे निलम्बित कर दिया गया था। इसके बाद वह अपने प्रभाव के चलते बहाल हुआ और जेडीए में पोस्टिंग पाई। वर्तमान में यहां बगरू थाने में लम्बे समय से पदस्थापित था। गत सप्ताह कमिश्नरेट में हुए कई थानाधिकारियों के बदलाव के बाद भी उसकी कुर्सी यथावत रही।