किसी को नहीं हुआ शक हत्या के बाद आरोपी ने कपड़े बदलकर वहां से सीधे चौमूं के पास जमीन के मामले में किसी से मिलने गया और बाद में हथियार व कपड़े अम्बाबाड़ी के पास द्रव्यवती नदी में फेंकने की बात कही है। विद्याधर नगर स्थित दुकान पर गया मां का चैकअप करवाया, मामा के बेटे को कपड़े दिलवाए और रात्रि साढ़े नौ बजे घर पहुंचा। उसने ऐसा बनावटी रूप धरा कि किसी को भी उसपर संदेह नहीं हुआ। पिता का गांव में अंतिम संस्कार किया, मां, पत्नी, चाचा के साथ हरिद्वार भी गया। लेकिन परिवार में किसी को उसपर संदेह नहीं हुआ।
10 मिनट की गुत्थी में उलझा और पकड़ा गया पुलिस ने मामले की तफ्तीश की तो दर्जनों से पूछताछ की, सीसीटीवी फुटेज खंगाले। घटना के दिन शाम करीब 4:55 पर विशाल घर से गया था और 5.05 बजे दूधवाला आया था। गेट की बाहर कूंदी लगी होने से वह चला गया। इस 10 मिनट कोई वारदात करके चला जाए, यह पुलिस को हजम नहीं हुआ और आरोपी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरी दास्तान बता दी।
कई दिनों से बना रहा था प्लान पिता-पुत्र में संबंध अच्छे नहीं थे। अक्सर उनके बीच में झगड़ा होता था। पिता नियमित शराब पीने का आदि था और घर पर ही रहता था। घटना वालेद दिन दोपहर करीब डेढ़ बजे वह घर गया और पहले से शराब पीए हुए पिता से उसका झगड़ा हुआ। उसने पिता के सिर पर सरिए से मारा और घर में ही इस्तमाल होने वाले चाकू से कई वार किए। हत्या से पहले वह खुद भी बीयर पीकर घर गया था।
यह बताई नाराजगी की वजह गिरफ्तार बेटे ने पुलिस को बताया कि वह अपने पिता की आदतों से गुस्सा था। नशे में लड़ाई-झगड़े के कारण घर में एकपल की भी खुशी नहीं थी। इस कारण देर से जाता था। उसके ताऊ की मौत के उनके बच्चों की पिता ने अच्छी शिक्षा व परवरिश की, जबकि उसपर ध्यान नहीं दिया। गत दीपावली पर नशे में पिता ने उसकी मां से मारपीट की थी। जिससे वह काफी दुखी था और लगभग हर दिन झगड़ा करता था। प्रॉपर्टी का कारोबार ठप होने की वजह से पिता घर पर ही रहा करता था और दिनभर नशे में रहता था।