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पेरेलाइज हिस्ट्रीशीटर ने बिस्तर पर पड़े रहकर रची हत्या की साजिश, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

locationजयपुरPublished: Oct 01, 2021 10:27:28 pm

अजय यादव हत्याकांड : डेढ़ वर्ष पहले झोटवाड़ा के हिस्ट्रीशीटर प्रदीप यादव पर अजय के साथियों ने की थी फायरिंग, तब प्रदीप गंभीर घायल होने के बाद पेरालाईज हो गया था, आरोपी इसका जिम्मेदार अजय को मानते थे

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मुकेश शर्मा / जयपुर। सदर थाने के हिस्ट्रीशीटर अजय यादव की हत्या का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी हत्या करने वालों की मदद करने वाले हैं। डीसीपी ऋचा तोमर ने बताया कि झोटवाड़ा थाने के हिस्ट्रीशीटर प्रदीप यादव ने वैशाली नगर थाने के हिस्ट्रीशीटर मुकेश यादव और अन्य साथियों के संग मिलकर अजय की हत्या करवाई।
डीसीपी तोमर ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर प्रदीप और मुकेश का अजय यादव से विवाद था। 5 मार्च 2020 को मालवीय नगर के हिस्ट्रीशीटर मनीष सैनी की शादी में प्रदीप और मुकेश शामिल हुए। मुकेश व प्रदीप ने साथियों के साथ खींची गई शादी की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर अजय यादव और उसके साथियों को खुद की गैंग की ताकत दिखाई।
तीन दिन बाद प्रदीप को मार दी थी गोली

एडिशनल डीसीपी रामसिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर फोटो देख अजय यादव के साथी हिमांशु जांगिड़ व बंटी शर्मा ने तीन दिन बाद ही 8 मार्च 2020 को झोटवाड़ा में प्रदीप के ऑफिस में घुसकर फायरिंग कर दी और वारदात में प्रदीप गंभीर घायल हो गया। उपचार के दौरान उसे पेरालाईज हो गया। प्रदीप और उसके साथी इसका जिम्मेदार अजय यादव को मानते थे। प्रदीप ने बिस्तर पड़े रहकर अजय की हत्या करने की साजिश रची।
गैंग के साथी गए जेल, अकेला हो गया अजय

हिस्ट्रीशीटर प्रदीप यादव साथी हिस्ट्रीशीटर मुकेश यादव के साथ अजय की हत्या करने की साजिश रच रहा था। अजय के साथी गांधी नगर में इंदर खटीक और अमरसर सरपंच की हत्या के मामले में जेल में चले गए। अब बाहर अजय अकेला रह गया। उसकी रैकी करवाई तो सामने आया कि सूतमील फाटक के पास चाय की थड़ी पर अजय रोज जाता है। 21 सितम्बर को दोपहिया वाहनों पर गैंग के चार साथी सूतमील फाटक पहुंचे और अजय पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। अजय का सिर भी मोटे पत्थर से कुचल दिया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम

हिस्ट्रीशीटर प्रदीप यादव ने हिस्ट्रीशीटर दोस्त मुकेश यादव, वैशाली नगर निवासी साथी विरेन्द्र चौधरी उर्फ बिल्लू, पड़ौसी अक्षय सिंह उर्फ आशीष शेखावत और अन्य नजदीकी साथियों के साथ मिलकर हत्या का साजिश रची। अक्षय ने झोटवाड़ा निवासी परिचित जयराज सिंह से संपर्क किया और वारदात के लिए जयराज के नाम से दो मोबाइल सिम जारी करवाई। फिर अक्षय सिंह, मुकेश यादव, विरेन्द्र चौधरी और एक अन्य साथी दो दोपहिया वाहनों से 21 सितम्बर को सूतमील फाटक पहुंचे और अजय की हत्या कर चिंकारा केन्टीन होते हुए पानीपेच, चौमूं पुलिया, मुरलीपुरा, वैद्यजी का चौराहा होते हुए 14 नंबर पहुंचे। मुकेश और उनका अन्य एक साथी बस में बैठकर सीकर की तरफ चले गए। जबकि विरेन्द्र व अक्षय पाली चले गए। 25 सितम्बर को पाली से शाहजहांपुर पहुंचे और प्रदीप के भांजे प्रवीण को बुलाया। यहां प्रवीण के साथ उसके नारनौल घर चले गए। दो दिन ठहरने के बाद 20 हजार रुपए लेकर फरारी काटने निकल गए।
इनको किया गिरफ्तार

– गैंग को मोबाइल सिम उपलब्ध करवाने वाले जयराज सिंह और फरारी काटने में मदद करने वाले प्रवीण यादव को गिरफ्तार किया।

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