उधर, शकुन होटल के जिस कमरे में बुलेटिन टुडे के सीइओ रह चुके आलोक शर्मा मृत मिले थे, वह कमरा एसके राव के नाम से बुक किया गया था। मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि एसके राव नामक शख्स कौन है। होटल में उसके नाम से कमरा बुक था तो उस कमरे में आलोक शर्मा कैसे पहुंचे? क्या राव पहले से आलोक शर्मा को जानता था। घटना के समय राव कमरे मौजूद था। यह सब होटल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने से पता चलेगा। उधर, शर्मा के परिजनों का आरोप है कि पुलिस रसूखदारों के दबाव या लालच के चलते मामले की जांच के बारे में उन्हें कुछ नहीं बता रही। जबकि अन्य मामलों में भी पुलिस जांच के संबंध में जानकारी देती है।
पुलिस ने पलट दी सुसाइड नोट की परिभाषा शर्मा के परिजनों का आरोप है कि मामले में अशोक नगर पुलिस ने सुसाइड नोट और अन्य सबूतों को दरकिनार कर ‘सुसाइड नोट’ की परिभाषा ही बदल दी। हालांकि भविष्य में कोई ऐसा मामला सामने आता है, सुसाइड नोट भी है, लेकिन इसके बावजूद अशोक नगर पुलिस की सीख अन्य थाना पुलिस के लिए ‘लालच’ की नजीर बन रही है।