एसओजी-एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित वीरपुर निवासी बृजेश मौर्या और जयपुर के नाहरगढ़ थाना अंतर्गत मोहन नगर निवासी प्रथम शर्मा को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी महिला कोपल की एक विला में भारतीय नोट छापने की मशीन और छापे गए नोटों की कटिंग करते हुए मिले थे।
एसओजी गिरोह में शामिल अन्य लोगों की जानकारी जुटा रही है। आरोपियों से पूछताछ चल रही है कि नकली नोट कहां-कहां पर खपा चुके हैं। एसओजी ने कुछ दिन पहले रामबाग चौराहे से कार सवार चार लोगों को पकड़कर उनसे एक लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए थे। चारों आरोपियों ने पूछताछ में बृजेश और प्रथम से नकली नोट लाना बताया था, तभी से एसओजी ने उन पर निगरानी रखना शुरू कर दिया था।
500 और 200 के नकली नोट मिले डीआइजी शरत कविराज के नेतृत्व में एसओजी की टीम ने देर रात विला को घेर लिया था। विला में पहुंची और तस्दीक की तो वहां पर 500-500 के 1147 नोट और 200 के 37 नोट मिले। आरोपियों से तैयार कुल 580900 रुपए नकली मिले। जबकि भारी संख्या में नोटों की प्रिंटिंग चल रही थी। एसओजी को नोट छापने के काम आने वाले उपकरण और सामग्री भी मिली।
हूबहू असली नोट डीआइजी शरत कविराज ने बताया कि दोनों आरोपी विला में रहकर नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। नकली नोट हूबहू असली नोट जैसे दिखते हैं। नकली नोटों पर वाटर मार्क आरबीआई थ्रेड व संख्या का अंकन भी है। गौर से नोटों को देखा जाए, तब नकली होने का पता चलता है। नोट का तिरछा करने पर 500 लिखा हुआ नजर नहीं आता। नकली नोट की पट्टी एक ही रंग की है और नाखुन से खुरेचने पर निकल जाती है।