जयसिंहपुरा खोर स्थित शिवशक्ति नगर निवासी मनमोहन शर्मा ने बताया कि पांच बेटियों के बाद बेटा हुआ। बेटियां उसे दुलार से रखती थी। पांचवी कक्षा तक जयपुर में पढऩे के बाद पांच साल पहले बेटे शुभम को वैदिक ज्ञान के लिए बस्सी चक स्थित बलराम आश्रम वेदविद्यालय की कक्षा प्रथम में भर्ती कराया था। अभी वह आश्रम में पांचवी कक्षा में पढ़ रहा था। समझ में नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो बेटे को ऐसा कदम उठाना पड़ा। यह तो पुलिस की जांच के बाद ही हमें पता चलेगा।
कुल 43 बच्चे, शुभम की में 5 छात्र आश्रम संचालक कृष्णमुरारी शर्मा ने बताया कि आश्रम में कुल 43 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। इनमें से पांच बच्चे शुभम के साथ कक्षा पांच में पढ़ रहे हैं। रात्रि में सभी बच्चे एक हॉल में सोते हैं। सुबह साढ़े चार बजे आश्रम के घंटा की आवाज से भी छात्र उठते हैं। गुरुवार सुबह बिजली नहीं आने पर घंटा नहीं बजा और अष्टमी का अवकाश भी रहता है। 8 बजे बाहर से आए युवक ने आश्रम के बच्चे को शुभम के फंदे से लटके होने की जानकारी दी। शुभम आश्रम में बने एक टीनशैड पर लटका हुआ था। सुसाइड नोट भी नहीं मिला। आश्रम में ऐसी कोई बात भी नहीं हुई। फिर ऐसा कदम क्यों उठाया, हम खुद सन हैं।