डीजी एसीबी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि एसीबी की जांच में सामने आया कि कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक से प्रयोगशाला सहायक पर पदोन्नति वर्ष 2019 में एक वर्ष का शिथिलता दिलवाने एवं मदद करने के एवज में एफएसएल कर्मियों से रिश्वत राशि लेने के प्रमाण मिले। आरोपियों के बैंक खातों में रिश्वत की राशि जमा करवाई गई।
इनको बनाया आरोपी एसीबी ने एफएसएल के सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी विष्णु गोपाल तंवर, प्रयोगशाला सहायक सुमित जाखड़ और अन्य के खिलाफ धारा 7, 7ए भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 एवं 120 बी भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया।
पहले भी रह चुकी विवादों में एफएसएल में कई बार जांच रिपोर्ट बदलने के मामले भी सामने आए। लेकिन सबसे अधिक चर्चा तब रही, जब एफएसएल में एक नमूने की जांच में तीन से चार दिन अमूमन लगते हैं। लेकिन कोटा एफएसएल में बलात्कार और हत्या जैसे संगीन मामलों में एक ही दिन में 10 नमूनों की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर दी गई। जबकि जयपुर के हिट एंड रन ( Jaipur Hit and Run Case ) मामले में आरोपी कार चालक के नशे में होने के बावजूद एफएसएल में खून का नमूना ( Blood Sample ) बदलकर जांच रिपोर्ट देने का मामला सामने आया। गृह विभाग ने एफएसएल को अपनी जांच में दोषी पाया।
कार्यवाही की जाएगी एफएसएल में किसी भी प्रकार की त्रुटि सामने आने पर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पदोन्नति में धांधली का मामला हमने खुद एसीबी को बताया था। एफआइआर की प्रतिलिपि मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
हेमंत प्रियदर्शी, निदेशक एफएसएल राजस्थान अभी जांच जारी
एफएसएल मामले में अभी जांच जारी है। जो भी दोषी हैं, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सौरभ श्रीवास्तव, एडीजी, एसीबी राजस्थान