सरकारी वकील मंगल सिंह सैनी ने बताया कि आरोपी बहनों ने कैबिनेट मंत्री के आवास पर मालपुरा गेट थाने में दर्ज मामले में मदद के लिए गई थी। जहां पर कंप्यूटरकर्मी बृजलाल प्रजापत से मदद के नाम पर अलग-अलग बार में कुल 69 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद उसकी कार का कई दिनों तक इस्तेमाल की। जब बृजलाल ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो उसे दुष्कर्म और आत्महत्या के मामले में फंसाने की धमकी दी।
बृजलाल की शिकायत पर सोडाला थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसी बीच दोनों आरोपियों की ओर से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पेश की गई। जिसमें खुद को पीड़ित बताते हुए गिरफ्तार पर रोक लगाने की गुहार की।
वहीं सरकारी वकील मंगल सिंह सैनी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ टोंक में भी इसी तरह का मामला दर्ज है। यह पूरी तरह से ब्लैकमेलिंग का मामला है। जिस पर कोर्ट ने अग्रिम जमानत से इनकार कर दिया। इसी वजह आरोपियों की ओर से कोर्ट में याचिका वापस लेने की बात कहीं। जिस पर कोर्ट ने याचिका वापस लेने के आधार पर खारिज कर दी।