गंध से बचाव का करते थे काम पुलिस सूत्रों के अनुसार पाइप लाइन से जुड़े जिस मुख्य मकान में डीजल चुराया जाता था, राहुल व जितेन्द्र वहां फिनाइल बनाते थे। ताकि वहां डीजल की गंध नहीं फैले और पेट्रोलियम गश्त पार्टी को संदेह न हो। कॉलोनी में साबुन के सैम्पल व फिनाइल मुफ्त में बांटते थे ताकि लोगों को वहां चल रही अवैध गतिविधियों की भनक न लगे। राहुल ने एमबीए किया हुआ है और आरोपियों को साबुन-फिनाइल बनाने का अनुभव भी है। इस कार्य के लिए एक फर्म का रजिस्ट्रेशन भी कराया था।
सरगना सरदार श्रवण सिंह व राहुल ने भांकरोटा से गुजर रही गेल की गैस पाइप लाइन के पास 2 महीने पहले एक गोदाम किराए पर लिया था। यह राहुल के नाम से किराए पर लिया जबकि भुगतान श्रवण कर रहा था। गोदाम मालिक को बताया था कि वे साबुन, फिनाइल का कारोबार करते हैं। गैस चोरी शुरू करने के लिए सरदार ने सनसिटी सीकर रोड के फ्लेट को खाली कर भांकरोटा में ही पाइप लाइन से एक किलोमीटर दूर फ्लेट लिया था।
शिंभु ने अरविंद को कर दिया था किनारे पुलिस सूत्रों के अनुसार अरविंद के जरिए गिरोह को डीजल सप्लाइ करने के लिए वाहन मिलते थे। शिंभु ने पुलिस को बताया था कि अरविंद शर्मा के जरिए मुकेश, धर्मेन्द्र, और वह खुद इस काम में लगे थे। करीब 3 महीने पहले अरविंद को बाइपास करते हुए सीधे बलजीत के सम्पर्क में आ गए और सप्लाइ से खुद कमाई करने लगे थे। अरविंद कोई बिल्टी नहीं काटता था। चैकिंग से बचने के लिए वह सिरसा से हनुमानगढ़ तक का बायोडीजल का काल्पनिक बिल देता था।