आरोपी ने सुरेश को फोन करके उसकी पत्नी के संबंध में बात करने के लिए गाड़ी में बिठाया। बातचीत के दौरान गहमागहमी होने पर पूरण ने सुरेश का गला दबा दिया, जिससे वह बेहोश हो गया। फिर उसे जमीन पर पटक कर दो—तीन बार उसे कार से रौंद दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में मृतक की पत्नी की हत्या में भूमिका सामने नहीं आई है। हालांकि उसकी जांच जारी है।
सीडीआर से मिली सफलता हत्या का पता चलते ही पुलिस ने मृतक के फोन का कॉल डाटा निकलवाया। जांच में एक मोबाइल नंबर संदिग्ध मिला। क्योंकि उस नंबर से न तो पहले कभी कॉल किया गया और न ही कोई मैसेज। वो नंबर भी बंद आ रहा था। इसके अलावा पेट्रोल पम्प के नजदीक सीसीटीवी कैमरों में भी सुरेश जिस गाड़ी में बैठा था, उसकी भी पड़ताल की। पूरण ने वारदात को अंजाम देने के लिए रिश्तेदार के नाम पर नया मोबाइल व नई सिम खरीदी थी और उससे सिर्फ सुरेश को ही कॉल किया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने सुरेश को कहा कि कुसुम से झगड़ा मत किया कर, इस बात पर गहमागहमी हो गई और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए उसपर कार चढ़ाई।
हत्या कर एक लाख रुपए भी निकाले आरोपी ने हत्या के बाद सुरेश का पर्स, मोबाइल फोन, अंगुठी व कड़े ले गया था। उसी रात को उसने सुरेश के क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया और नया पासवर्ड डालकर के एक लाख रुपए भी निकाले। यह सब उसने हत्या को लूट दर्शाने के लिए किया। ताकि पुलिस उसपर संदेह न करें। पुलिस ने उसमें से 60 हजार रुपए बरामद कर लिए हैं। इसके अलावा अन्य सामान, हत्या में इस्तमाल कार एवं मोबाइल भी जब्त कर लिया है।
प्यार अंजाम हत्या तक पहुंचा पूछताछ में सामने आया कि करीब 20 साल पहले अविवाहित कुसुम ब्रह्मपुरी में आरोपी के मकान में कुछ महीने किराए पर रही थी। तब दोनों के बीच कुछ नहीं था। वहां से मकान खाली कर कहीं और रहने लगे और कोई संपर्क नहीं था। ढाई—तीन साल पहले सुरेश के पैरालिसिस हो गया था। इसी दौरान पूरण से फिर मुलाकात हो गई। दोनों ने फेसबुक, वाट्सऐप पर बातचीत शुरू कर दी और प्रेम संबंध बन गए। यह बात सुरेश को भी पता चली तो वह पत्नी से नाराज रहता था। 15 दिन पहले भी उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था। यह बात कुसूम ने पूरण को भी बता दी और उसने समझाने व सबक सिखाने की बात कही।