छह महीने से रह रहा था जयपुर
तीनों आरोपी गुडगांव में पहले से परिचित थे। कश्मीर निवासी अब्दुल करीब छह महीने पहले जयपुर आया और पत्रकार कॉलोनी में किराए पर फ्लेट लेकर रहने लगा। यहां पर मिलने वालों को मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करने और यहां भी खोलने की बात कहते थे। देवा और रंजन भी यहां आए और पत्रकार कॉलोनी में ही कुछ दिनों पहले किराए पर फ्लेट ले लिया। वहीं पर इन्होंने लूट की वारदात की साजिश रची। कई दिनों तक पूरे इलाके में रैकी की। अब्दुल ने ही बताया कि इस एटीएम में एक दिन पहले ही रुपए डाले गए हैं।
तीनों आरोपी गुडगांव में पहले से परिचित थे। कश्मीर निवासी अब्दुल करीब छह महीने पहले जयपुर आया और पत्रकार कॉलोनी में किराए पर फ्लेट लेकर रहने लगा। यहां पर मिलने वालों को मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करने और यहां भी खोलने की बात कहते थे। देवा और रंजन भी यहां आए और पत्रकार कॉलोनी में ही कुछ दिनों पहले किराए पर फ्लेट ले लिया। वहीं पर इन्होंने लूट की वारदात की साजिश रची। कई दिनों तक पूरे इलाके में रैकी की। अब्दुल ने ही बताया कि इस एटीएम में एक दिन पहले ही रुपए डाले गए हैं।
बंटवारा किया और चल दिए
लूट की वारदात के बाद यह किराए पर लिए फ्लेट पर पहुंचे और सभी ने अपना हिस्सा बांट लिया। कुछ लोगों ने तो लूट की रकम को अपने बैंक खातों में ट्रांसफर भी कर दिए थे। जिनकी पुलिस ने डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। अब्दुल पर किराए के मकान ही रहा और पुलिस के मुवमेंट पर नजर रखने लगा। जब तीन आरोपियों की पहचान हो गई तो मुहाना थानाधिकारी हीरालाल को अब्दुल, शिप्रापथ थानाधिकारी को देवेन्द्र और मानसरोवर थानाधिकारी दिलीप सोनी को रंजन को पकड़ने की जिम्मेदारी दी। जयपुर और हरियाणा से इन्हें पकड़ा गया। पूछताछ में सामने आया कि यह एक सप्ताह बाद फिर से एटीएम लूट की वारदात अंजाम देते। देवेन्द्र के विरुद्ध फरवरी 2017 में गुडगांव में मणप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी में हथियारों बल पर 30 किलो सोना व 8 लाख रुपए की डकैती का मामला दर्ज है।
लूट की वारदात के बाद यह किराए पर लिए फ्लेट पर पहुंचे और सभी ने अपना हिस्सा बांट लिया। कुछ लोगों ने तो लूट की रकम को अपने बैंक खातों में ट्रांसफर भी कर दिए थे। जिनकी पुलिस ने डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। अब्दुल पर किराए के मकान ही रहा और पुलिस के मुवमेंट पर नजर रखने लगा। जब तीन आरोपियों की पहचान हो गई तो मुहाना थानाधिकारी हीरालाल को अब्दुल, शिप्रापथ थानाधिकारी को देवेन्द्र और मानसरोवर थानाधिकारी दिलीप सोनी को रंजन को पकड़ने की जिम्मेदारी दी। जयपुर और हरियाणा से इन्हें पकड़ा गया। पूछताछ में सामने आया कि यह एक सप्ताह बाद फिर से एटीएम लूट की वारदात अंजाम देते। देवेन्द्र के विरुद्ध फरवरी 2017 में गुडगांव में मणप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी में हथियारों बल पर 30 किलो सोना व 8 लाख रुपए की डकैती का मामला दर्ज है।
मेवात गिरोह से ली मदद
आरोपी अब्दुल जयपुर में केसर सप्लाई और मल्टी नेशनल कम्पनी के काम के लिए रह रहा था। लॉकडाउन में कोई काम नहीं हुआ तो उसने रैकी शुरू की और अपने साथियों से संपर्क किया।पुलिस ने बताया कि एटीएम काटने में तीनों एक्सपर्ट नहीं है। इन्होंने मेवात के गिरोह की मदद ली। फरार आरोपी वहीं है और उनकी तलाश जारी है। मामले में पुलिस बरामदगी के लिए गहनता से पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि 21 जून रात को आरोपियों ने 23.77 लाख रुपए से भरे एटीएम को दस मिनट में ही काटकर रुपए ले गए थे।
आरोपी अब्दुल जयपुर में केसर सप्लाई और मल्टी नेशनल कम्पनी के काम के लिए रह रहा था। लॉकडाउन में कोई काम नहीं हुआ तो उसने रैकी शुरू की और अपने साथियों से संपर्क किया।पुलिस ने बताया कि एटीएम काटने में तीनों एक्सपर्ट नहीं है। इन्होंने मेवात के गिरोह की मदद ली। फरार आरोपी वहीं है और उनकी तलाश जारी है। मामले में पुलिस बरामदगी के लिए गहनता से पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि 21 जून रात को आरोपियों ने 23.77 लाख रुपए से भरे एटीएम को दस मिनट में ही काटकर रुपए ले गए थे।