गनीमत रही कि एक गोली पीडि़त के हाथ पर लगी, इससे उसकी जान बच गई। मामले में पीडि़त की पत्नी की भूमिका की जांच की जा रही है। डीसीपी शर्मा ने बताया कि पीडि़त आदित्य की मुम्बई में परचूनी की दुकान है और उसके नजदीक कमलेश की बिल्डिंग का निर्माण करवा रहा था। आरोपी कमलेश पीडि़त की पत्नी पर बुरी नजर थी और वह पीडि़त के परिवार को परेशान करने लगा। तब पीडि़त परिवार सहित जयपुर आ गया था।
यूं लगाया पीडि़त के जयपुर का पता एडिशनल डीसीपी रामसिंह ने बताया कि मुम्बई से पीडि़त परिवार सहित जयपुर आ गया और अपना सामान भी ले आया। आरोपी कमलेश ने जयपुर में सामान पहुंचाकर जाने वाले लोडिंग वाहन चालक से यहां का पता पूछ लिया। एक बार जयपुर आकर आरोपी कमलेश पीडि़त की पत्नी से मिला। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने पीडि़त की पत्नी को मोबाइल व सिम भी देकर गया। बाद में आदित्य को रास्ते से हटाने के लिए मुम्बई निवासी मंगेश प्रभाकर को 13 लाख रुपए सुपारी दी। मंगेश ने शूटर सावन कुमार व शूटर सौरभ नवलकिशोर को हत्या के लिए जयपुर भेजा था।
बाइक खरीदी और पता पूछने के बहाने मारी गोली एडिशनल डीसीपी रामसिंह ने बताया कि दोनों शूटर मुम्बई से उदयपुर होते हुए 14 जून को जयपुर आ गए। यहां करणी विहार थाना क्षेत्र में राज गेस्ट हाउस में ठहरे। एक पुरानी बाइक भी खरीदी। उक्त बाइक से पीडि़त आदित्य की रैकी की। 16 जून को गांधी पथ स्थित आम्रपाली नगर में एक अपार्टमेंट के नीचे कार की सफाई करते समय दोनों शूटर आदित्य के पास पहुंचे और आदित्य से एक पता पूछा। तभी पिस्टल निकालकर आदित्य पर फायर कर दिया। एक गोली आदित्य के हाथ में लगी और दूसरी कार के पीछे। आरोपी पकड़े जाने के डर से भाग गए।
आधार कार्ड से पकड़ा शूटर सावन कुमार ने राज गेस्ट हाउस में कमरा बुक करवाते समय खुद का मुम्बई का आधार कार्ड दिया। वहीं पीडि़त ने मुम्बई निवासी कमलेश पर जानलेवा हमला करवाने की आशंका जताई। वारदात के बाद दोनों शूटर बाइक सुनसान जगह छोड़कर अलग-अलग निकल गए। सावन कुमार जालौर पहुंच गया, जिसे जालौर से पकड़ा गया। आरोपी कमलेश को मुम्बई से पकड़ा गया। पुलिस ने वारदात में काम ली गई बाइक भी बरामद कर ली है। प्रकरण के खुलासे में डीसीपी वेस्ट साइबर सैल के लक्ष्मीकांत शर्मा का विशेष योगदान रहा।