पुलिस ने बताया कि पीड़ि़त दो अप्रेल को अपने रिश्तेदार को ऑनलाइन पेमेंट ऐप के माध्यम से दस हजार रुपए ट्रांजेक्शन कर रहा था। इस दौरान ट्रांजेक्शन फेल हो गई। पीड़ि़त ने कुछ दिन इंतजार किया कि रुपए वापस खाते में आ जाए। 16 अप्रेल को जब रुपए खाते में नहीं आए तो उसने ऐप के कस्टमर केयर पर फोन किया, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया।
उसी दिन शाम को कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर किसी का फोन आया। पीड़ि़त ने ट्रांजेक्शन फेल की शिकायत की। ठग ने पीडि़त के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पूछे। इसके बाद ऑनलाइन पेमेंट ऐप मोबाइल में ओपन करवाकर ट्रांजेक्शन फेल ऑप्शन पर क्लिक करने को कहा। पीड़ि़त कहे अनुसार करता रहा। फिर पीड़ि़त के मोबाइल पर 39576 रुपए डेबिट और दस हजार रुपए के्रडिट का मैसेज आया। ठग ने पीड़ि़त को पे बटन पर क्लिक करने को कहा। पीड़ि़त ने बटन पर क्लिक कर दिया। थोड़ी देर में 39576 रुपए खाते से निकल गए। पीड़ि़त ने ठग को रुपए निकलने की शिकायत की तो उसने कहा रुपए वापस आ जाएंगे।
उसने फिर से वही प्रक्रिया दोहराने को कहा। पीड़ि़त ने वहीं किया। इस बार 17 हजार रुपए निकालने की कोशिश की गई। पीडि़त ने प्रक्रिया रोककर उससे पूछा कि आप कहां से बोल रहे हो। ठग ने कहा वह विदेश से बोल रहा है, अब कुछ नहीं हो सकता और फोन काट दिया।
खाते से 69 हजार रुपए निकले ठगी की दूसरी वारदात शास्त्री नगर थाना इलाके के सुभाष कॉलोनी निवासी रफीक अहमद के साथ हुई।18 अप्रेल को बैंक कर्मचारी बनकर पीड़ि़त को फोन किया और एटीएम कार्ड बंद होने बात बताई। कर्मचारी ने कहा आपका कार्ड शुरू करना है इसलिए एटीएम कार्ड के नंबर और सीवीवी नंबर बता दीजिए। पीड़ि़त ठग की बातों में आ गया और उसने कार्ड की पूरी जानकारी दे दी। थोड़ी देर बाद पीड़ि़त के मोबाइल पर ओटीपी आया, जिसे भी ठग को बता दिए। इसके बाद खाते से 69 हजार रुपए निकल गए।
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