एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि घाटगेट स्थित अमृतपुरी निवासी मोहम्मद मुस्तकीम और हीदा की मोरी निवासी अमित अग्रवाल को फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में गिरफ्तार किया। आरोपी जाति व मूल निवास के साथ (आय) ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण पत्र फर्जीवाड़ा कर बना रहे थे। इसके लिए आरोपी उपखण्ड अधिकारी एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के डिजीटल हस्ताक्षर का प्रयोग करते हुए रात्रि 12 बजे बाद जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जारी कर देते। आरोपी प्रति व्यक्ति प्रति प्रमाण पत्र के 40 रुपए की बजाय 4000 से 5000 हजार रुपए तक वसूल रहे थे।
ऐसे बना रहे थे प्रमाण पत्र आरोपी जाति, मूल निवास सहित अन्य प्रमाण पत्र बनवाने वाले मजबूर लोगों को तलाशते। अधूरे दस्तावेज होने पर संबंधित व्यक्ति को जल्दी प्रमाण पत्र बनाकर देने का आश्वासन देते। फिर एसएसओ आइडी को हैक करने के लिए तहसीलदार सांगानेर, उपखंड अधिकारी और कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के नाम से फर्जी ई-मेल आइडी बनाकर एसएसओ हेल्प डेस्क के जरिए फर्जी ई-मेल आइडी, एसएसओ आइडी में रजिस्टर्ड करवाई। फिर एसएसओ आइडी हैक कर उपखण्ड अधिकारी एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के डिजीटल हस्ताक्षर का प्रयोग करते हुए रात्रि 12 बजे बाद जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जारी कर देते।
सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच पुलिस अधूरे दस्तावेज और फर्जी दस्तावेजों से प्रमाण पत्र बनवा चुके लोगों की अपराध में मिलीभगत भूमिका की पड़ताल कर रही है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि सरकारी वेबसाइट को हैक कर प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में डीओआइटी, तहसील व उपखंड अधिकारी एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर कार्यालय के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। वर्ष 2018 में भी आरोपी मोहम्मद मुस्तकीम सांगानेर तहसील कार्यालय के कर्मचारी के साथ मिलीभगत कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के मामले में गिरफ्तार हो चुका था।
डीओआइटी को लिखेगी पत्र सायबर थाने के एसएचओ सतपाल यादव ने कि डीओआइटी को इस संबंध में पत्र लिखा जाएगा। एसएसओ आइडी की सुरक्षा मापदंड में परिवर्तन करने और किसी भी अधिकारी की एसएसओ आइडी ई-मेल आइडी व मोबाइल नंबर परिवर्तन के लिए गवर्मेंट डोमेन की आइडी को ही किसी परिवर्तन के लिए अधिकृत करें। या फिर ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाए।