जयपुर डेयरी प्रबंधन ने तबादलों में किस तरह से मिलावट की है उसकी ये बानगी है। सिंथेटिक दूध प्रकरण में जिस अफसर की भूमिका सबसे संदिग्ध मानी जा रही है उसी अफसर को दूदू तबादला किया गया है। लेकिन तबादला करने के बाद भी उनका मुख्यालय जयपुर ही रखा गया है। वे उसी भवन में बैठेंगे जहां अभी कार्यरत है। ऐसा क्यों किया गया इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं है। दूदू प्रोजेक्ट इंजार्च अविनाश जैन को दौसा में अवशीतन केंद्र पर लगाया गया है। संतोष कुमार को जयपुर डेयरी लैब से बीएमसी अनुभाग प्रभारी के पद पर लगाया गया है। तबादले डेयरी के प्रबंध संचालक ए के गुप्ता ने किए हैं। बताया जा रहा है कि एसओजी की जांच के बाद यहां और भी तबादले किए जा सकते हैं। हांलाकि डेयरी से जुड़े कुछ अफसर तो जांच से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि सिंथेटिक दूध मिले इतने दिन हो गए उसके बाद भी अभी तक कोई शिकायत या मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। साथ ही जो टैंकर दूध लाए थे उनके संचालकों के खिलाफ भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। फिलहाल उन पर तीन महीने की रोक भर लगाई गई है।