खास यह है कि कई वर्ष से अभियान के तौर पर काम नहीं हुआ। अब तक केवल शिकायत के आधार पर ही टीम जांच करती रही। उधर, विजिलेंस विंग ने हाइवे पर ढाबे—रेस्टारेंट, होटलों पर छापेमारी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत एक दर्जन मामलों में 20 लाख रुपए से ज्यादा की वीसीआर (विजिलेंस चैकिंग रिपोर्ट) भरी है। हालांकि, इसमें से कितने उपभोक्ताओं ने पेनल्टी राशि जमा कराई है, इसकी जानकारी नहीं दी गई। अधीक्षण अभियंता (विजिलेंस) हरिओम शर्मा ने बताया कि प्रक्रिया को और गति दी जाएगी।
एक्शन का आंकड़ा दहाई तक भी नहीं पहुंच पाया, इसलिए उठे सवाल… बिजली चोरी पकड़ने में विजिलेंस विंग का ज्यादातर महीनों में एक्शन का आंकड़ा दहाई तक भी नहीं पहुंच पाया है। इसलिए इस मामले में कार्रवाही पर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही अधिशासी अभियंता टीम स्तर पर भी सिर्फ औपचारिकता निभाई ही जाती रही है। डिस्कॉम ने इस छीजत और बिजली के अवैध कनेक्शन रोकने के लिए दो साल में अभियान तक नहीं चलाया है।यही नहीं बिजली चोरी करने वालों से वसूली जाने वाली राशि में छूट देकर कृपा बरसाई जा रही है।
सभी अधिशासी अभियंताओं को बिजली चोरी पकडऩे के लिए अभियान के रूप में काम करने के लिए निर्देशित किया है। किसी भी सूरत विद्युत चोरी नहीं होने दी जाएगी। -एस.के राजपूत, अधीक्षण अभियंता, जयपुर डिस्कॉम