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किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती की तैयारी

locationजयपुरPublished: Jun 13, 2021 05:21:37 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती ( farmers agricultural work day block) की कवायद शुरू हो गई है। ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने शनिवार को विद्युत निगमों की समीक्षा बैठक में इसके लिए आवश्यक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही सरकारी विभागों पर बकाया राशि की वसूली के लिए उच्च स्तर पर प्रयास करने के निर्देश दिए।

किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती की तैयारी

किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती की तैयारी

किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती की तैयारी
– ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने विद्युत निगमों की ली समीक्षा बैठक
– आगामी वर्षों में प्रदेश में संभावित विद्युत मांग को पूरा करने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश
जयपुर। प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती ( farmers agricultural work day block) की कवायद शुरू हो गई है। ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने विद्युत निगमों की समीक्षा बैठक में इसके लिए आवश्यक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही सरकारी विभागों पर बकाया राशि की वसूली के लिए उच्च स्तर पर प्रयास करने के निर्देश दिए।
ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि आवश्यक बिजली की उपलब्धता के लिए अभी से योजना बनाकर कार्य शुरू कर देना चाहिए, जिससे आगामी समय में प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को कृृषि कार्य के लिए दिन के ब्लाॅक में बिजली आपूर्ती के लिए आवश्यक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में राजस्थान राज्य की आगामी वर्षों में संभावित विद्युत मांग को पूरा करने की कार्य योजना के बारें में राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता ने प्रजेन्टेशन देकर कार्य योजना के बारें में जानकारी दी। प्रजेन्टेशन में बताया गया कि बिजली की मांग व उपलब्धता के अन्तर को पूरा करने के लिए ऊर्जा विकास
निगम की ओर से मंहगी की जगह बाजार में उपलब्ध सस्ती बिजली की खरीद कर आपूर्ति की जाती है और जब मांग कम होती है तो आवष्यकतानुसार दूसरों को बिजली देते भी हैं। यह सारी प्रक्रिया इलेक्ट्रिसिटी एक्सचेंज, बैंकिंग एवं शार्ट टर्म टेण्डर के माध्यम से की जाती हैं।
350 करोड़ की बचत
बैठक में बताया गया कि गत वर्ष बाजार से सस्ती दर पर एक हजार करोड़ की बिजली खरीद कर 350 करोड़ रुपए की बचत हुई और सरप्लस पावर को बेचकर 389 करोड़ की आय भी हुई। चालू वित्तीय वर्ष में शुरू के दो माह अप्रेल व मई में ही अच्छी रेट मिलने पर 300 करोड़ की बिजली का बेचान किया गया है। इसके साथ ही केन्द्रीय उपक्रमों की ओर स्थापित 5 पावर प्लान्ट, जिनसे मंहगी बिजली की खरीद का एग्रीमेन्ट किया हुआ था। इन पावर प्लांटो से बिजली नही खरीदने की अनुमती भारत सरकार की ओर से प्रदान कर दी है। इस वजह से राज्य सरकार कोे 200 करोड़
का फायदा होगा।
सरकारी विभागों से होगी बकाया वसूली
ऊर्जा मंत्री ने विद्युत निगमों के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सरकारी विभागों पर बकाया राशि की वसूली के लिए उच्च स्तर पर प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि फ्रेन्चाईजी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की शिकायतों का प्राथमिकता से समाधान हो और विजिलेंस चैकिंग
की कार्रवाई विजिलेंस एप से की जाए।

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