संभागीय आयुक्त ने बैठक में कोरोना के लिए सख्ती शुरू करने के आदेश दिए। राजधानी में प्रतिष्ठान पर सोशल डिस्टेन्सिंग होने पर जुर्माना के साथ एक या दो दिन के लिए उसे सीज किया जाए। बिना मास्क घूमने पर पुलिस व निगम जुर्माने की कार्रवाई करेगा। 10 से अधिक केस आने पर क्षेत्र, गली या कॉलोनी में कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। जिसकी पालना पुलिस, इंसिडेंट कमांडर और मेडिकल ऑफिसर कराएंगे।
इंसिडेंट कमांडर की बढ़ाई संख्या –
बीट कांस्टेबल रोज अपने क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन में जाएगा और चिन्हित लोगों को पाबंद करेगा। कंटेनमेंट जोन में बेरिकेट्स की बजाय कंटेनमेंट जोन के पोस्टर चस्पा होंगे। पॉजिटिव मरीज के कांटेक्ट ट्रेसिंग शुरू की जाएगी। इंसिडेंट कमांडर अपने कार्यालय से मरीजों से रोज फोन कर जानकारी लेगा। मेडिकल टीम पॉजिटिव मरीज को होम आइसोलेट की निर्देशिका देंगे। पॉजिटिव मरीज के घर नोटिस चस्पा होगा। पॉजिटिव मरीज के पडौसी को भी निगरानी के लिए पाबंद करेंगे। इसके लिए इंसिडेंट कमांडर की संख्या बढ़ाकर दो दर्जन कर दी गई है।
पत्रिका की खबर से हरकत में आया प्रशासन –
सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी करने के चार दिन बाद भी जयपुर में जिला प्रशासन एक्शन के मूड में नहीं आया। इतना ही नहीं, कंटेनमेंट जोन को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन के बीच खींचतान सामने आई। राजस्थान पत्रिका में पुलिस और प्रशासन की लारवाही को उजागर किया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने वीसी में जिला प्रशासन और पुलिस को सख्ती करने के निर्देश दिए।
कंटेनमेंट जोन में निगम कराएगा सेनेटाइज, रोज देगा रिपोर्ट –
संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने बैठक में नगर निगम को निर्देश दिए कि निगम शहर में बनाए जा रहे कंटेनमेंट जोन सहित संभावित स्थलों को रोज सेनेटाइज कराएगा। इसके अलावा सेनेटाइजेशन की रिपोर्ट प्रशासन को रोज देगा। उन्होंने बताया कि शहर में सेनेटाइज को लेकर निगम की ओर से लापरवाही बरती गई है। इसके अलावा उन्होंने सीएमएचओ को नॉन स्टॉप सैपलिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि शनिवार और रविवार को भी सैंपलिंग की जाए।