फीडबैक के नाम पर खानापूर्ति का एक नजारा बुधवार को अजमेर संभाग की बैठकों के दौरान भी देखने को मिला था, जहां नेताओं से जमीनी फीडबैक लेने की बजाए शीर्ष नेता केंद्र की मोदी सरकार पर ही बरसते रहे। हालांकि हर जिले से 50-50 लोगों से संवाद होना था, लेकिन दो चार नेताओं से फीडबैक लेकर खानापूर्ति कर ली गई।
वहीं धड़ों में बंटी कांग्रेस की गुटबाजी भी सामने आई, जहां प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। प्रदेश प्रभारी माकन होटल में बैठक ले रहे तो बाहर कार्यकर्ताओं के दो गुटों में हाथापाई की नौबत आ गई और पुलिस को हल्का बल प्रयोग तक करना पड़ा।
पार्टी के जानकारों की माने तो कुछ ऐसा ही नजारा आज जयपुर संभाग के फीडबैक कार्यक्रम के दौरान देखने को मिल सकता है, जहां जयपुर देहात और दौसा के फीडबैक के दौरान दो गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच टकराव का अंदेशा है।
जयपुर-दौसा जिलों में गहलोत-पायलट गुट हावी
दरअसल कांग्रेस नेताओं को टकराव का अंदेशा इसलिए भी है कि जयपुर देहात और दौसा जिले में गहलोत और पायलट गुट हावी है। दोनों जिलों में कांग्रेस गहलोत-पायलट गुट में बंटी हुई है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर नारेबाजी जैसा माहौल भी देखने को मिल सकता है।
पीसीसी के बाहर पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त
वहीं टकराव की आशंका और अजमेर फीडबैक कार्यक्रम को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त रखा गया है। पुलिस के कई आला अधिकारियों को पीसीसी के बाहर तैनात किया गया है।
फीडबैक कार्यक्रम से खुश नहीं आला नेता
इधर प्रदेश कांग्रेस के कई आला नेता ऐसे हैं जो फीडबैक कार्यक्रम से खुश नहीं है। कांग्रेस नेताओं की माने तो इससे एकजुटता की बजाए गुटबाजी को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा, साथ ही कोरोना महामारी के बीच इस तरह के भीड़ वाले कार्यक्रमों से पीसीसी को बचना चाहिए।