संघ के अधिकारियों की मानें तो संघ पिछले 15 साल से शिवाकाशी से पटाखे मंगवाकर जयपुर के लोगों को उपलब्ध करा रहा है। ये पटाखे क्वालिटी के होते हैं, जिनमें बेरियम नाइट्रेट कम मात्रा में काम में लिया जाता है, जिससे ये पटाखे प्रदूषन कम फैलाते हैं। इनकी जयपुर में हर साल डिमांड बढ़ रही है। संघ की ओर से लगाए जाने वाले मेले में पटाखे सिर्फ 5-6 दिन में ही बिक जाते हैं। दूसरा बड़ा फायदा लोगों को यहां आधी रेट में पटाखे मिल रहे हैं। कई पटाखे 50 से 65 फीसदी की छूट पर मिल रहे हैं। इस मेले में हर तरीके के पटाखे उपलब्ध है। वहीं लोगों को पटाखों के लिए इस मेले का इंतजार रहता है। सोमवार को मेले का उद्घाटन होने से पहले ही लोग पटाखे खरीदने पहुंच गए। हालांकि लोगों की भीड़ को देखते हुए संघ के अधिकारियों ने उद्घाटन से पहले ही पटाखों की बिक्री शुरू कर दी।
जानकारों की मानें तो ग्रीन पटाखे भी पारंपरिक पटाखों के जैसे ही होते हैं, ये पटाखे जलने और दिखने में भी ग्रीन पटाखों के जैसे ही होते हैं। हालांकि इनके जलने से प्रदूषण कम होता है। बात करें शिवाकाशी की तो आपको बतादें कि तमिलनाडु स्थित शिवाकाशी की आतिशबाजी इंडस्ट्री का हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार होता है।