गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान चिकित्साकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए राजधानी जयपुर का जेके लोन अस्पताल रॉल मॉडल के बनकर सामने आया है। जहां एक ओर कोरोना संक्रमण के दौरान इलाज में जुटे चिकित्सा कर्मी पीपीई किट की कमी से जूझ रहे है, वहीं पीपीई किट बहुत अधिक महंगी मिल रही है। ऐसे में जयपुर के जेके लोन अस्पताल ने खुद आवश्यकता को देखते हुए पीपीई किट तैयार की है।
कोरोना के खतरे के बीच जेके लोन अस्पताल में चिकित्सा कर्मी बच्चों का इलाज कर रहे हैं। यहां इमरजेंसी सेवा में चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई किट की आवश्यकता होती है, लेकिन जरूरत के अनुसार इस किट की सप्लाई नहीं होने के चलते जेके लोन अस्पताल के चौमू निवासी डॉक्टर योगेश यादव ने उत्कृष्ट क्वालिटी की पीपीई किट तैयार की है। जिसकी लागत भी बाजार में मिलने वाली किट के मुकाबले एक तिहाई कम है।
डॉक्टर यादव ने बताया कि वायरस, बेक्टेरिया से बचाव के लिए डबल लेयर पीपीई किट का निर्माण किया गया है। जो non-toxic मेटेरियल से बना हुआ है। यह रक्त और सभी अन्य बोडी फ्लुईड, वायरस, बायोलॉजिकल हैजार्डीयस मैटेरियल्स से अपारगम्य है। पीपीई किट को लेकर अस्पताल अधीक्षक ने बताया की कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वर्तमान में चिकित्साकर्मी मेनपावर के रूप में काम कर रहे है, तो उसको ध्यान में रखते हुए अस्पताल में आने वाले बच्चों के इलाज के दौरान चिकित्साकर्मियों में संक्रमण फैलने का डर रहता है। ऐसे में अस्पताल ने किट की डिजायन तैयार की, जिसकी क्वालिटी इंटरनेशनल लेवल से कम नहीं हैं। अस्पताल को अभी 1 हजार पीपीई किट उपलब्ध करवाए जाएंगे।