पार्टी————————लोकसभा————————विधानसभा
भाजपा————106042 (70.81 %)—— 70221 (47.47%)
कांग्रेस———— 40013 (26.72%)—— 68517 (46.31%)
भाजपा का मत बढ़ा— 23.34 प्रतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 19.59 प्रतिशत किसका बढ़ा कद— किसका घटा
कालीचरण सराफ— पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 1704 वोट से जीतकर लाज बचाने में कामयाब हुए, लेकिन छह माह बाद ही जीत का आंकड़ा 66 हजार के पार हो गया। इससे कद्दावर नेता की भूमिका में और उभरकर आए।
पार्टी——————लोकसभा—————विधानसभा
भाजपा—————160530 (74.15)————— 107947 (51.90)
कांग्रेस—————50230 (23.20)————— 72542 (34.88)
भाजपा का मत बढ़ा— 22.25 प्रतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 11.68 प्रतिशत
अशोक लाहोटी— युवा नेता के तौर पर फिर से खुद को साबित किया। यहां भाजपा से कांग्रेस में गए दो दिग्गज नेताओं के बाद भी खुद को मजबूत करने का मौका मिला।
पुष्पेन्द्र भारद्वाज— युवा नेता के तौर पर विधानसभा चुनाव में मौका नहीं भुना पाए, इस बार फिर पार्टी की बड़ी हार से परेशानी।
घनश्याम तिवाड़ी— कांग्रेस में शामिल होकर ब्राहृण नेता के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश की पर कामयाब नहीं।
विष्णु लाटा— भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के सहयोग से महौपार बनने के बाद अब हार से क्षेत्र में खुद को स्थापित करने से चूके।
पार्टी——————लोकसभा—————विधानसभा
भाजपा—————169964(74.99) ———— 95559 (41.74)
कांग्रेस—————51366 (22.66)———— 64367 (28.10)
भाजपा का मत बढ़ा— 33.25 प्रतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 5.44 प्रतिशत किसका बढ़ा कद— किसका घटा
नरपत सिंह राजवी— क्षेत्र में पैठ और कद्दावर नेता के रूप में फिर छवि बनाए रखने में कामयाब।
सीताराम अग्रवाल— जमीनी स्तर पर पैठ बनाने और वोट दिलाने में कामयाब नहीं हो सके।
पार्टी——————लोकसभा—————विधानसभा
भाजपा————108014 (66.27)———— 69859 (41.94)
कांग्रेस————51135 (31.37)—————— 87937 (52.79)
भाजपा का मत बढ़ा— 24.33 प्रतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 21.42 प्रतिशत
किसका बढ़ा कद—किसका घटा प्रताप सिंह खाचरियावास— विधानसभा चुनाव के नतीजों और महापौर पद पर भाजपा को झटका देने के बाद पार्टी में और मजबूत हुए, लेकिन अब बढ गई चुनौती।
अरुण चतुर्वेदी— जनता से दूरी के बाद अब फिर से नजदीक आने का मौका मिला। क्षेत्र में फिर से अपनी मजबूती दिखाई।
पार्टी——————लोकसभा—————विधानसभा
भाजपा————70926 (50.93)————— 62419 (43.89)
कांग्रेस————65403 (46.96)——— 71189 (50.06)
भाजपा का मत बढ़ा— 7.04 प्रतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 3.10 प्रतिशत किसका बढ़ा कद—किसका घटा
मोहनलाल गुप्ता— विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा शहर अध्यक्ष बने। अब शहर में बडी जीत से पार्टी में हुए और मजबूत।
अमीन कागजी— विधानसभा चुनाव में जीत से मजबूत हुए, लेकिन अब हार से फिर चुनौती।
पार्टी——————लोकसभा—————विधानसभा
भाजपा————89287 (52.28)———— 76192 (44.80)
कांग्रेस————77087 (45.13)———— 85474 (50.25)
भाजपा का मत बढ़ा— 7.48 प्रतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 5.12 प्रतिशत किसका बढ़ा कद—किसका घटा
सुरेन्द्र पारीक— पिछली हार के बाद प्रदर्शन सुधारा, रुठे मतदाताओं को साथ लेने में कामयाब।
महेश जोशी— संगठन में फिर से मजबूत नेता के रूप में उभरने के लिए करनी होगी मेहनत।
पार्टी—————————लोकसभा————————विधानसभा
भाजपा————78920 (47.13)———— 75988 (42.82)
कांग्रेस————83811 (50.05)———— 88541 (49.82)
भाजपा का मत बढ़ा— 4.31 प्रतिशत
कांग्रेस का मत बढ़ा— 0.23 प्रतिशत (यहां विधानसभा चुनाव में भाजपा की 12553 मत से हार हुई थी, लेकिन इस बार हार का अंतर 6250 रह गया। इसी कारण भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ा हुआ है)
अशोक परनामी— शहर में एक मात्र सीट से भाजपा की हार से छवि पर विपरीत असर।
रफीक खान— क्षेत्रवासियों के साथ पूरी सक्रियता से जुड़े, इसलिए जनता ने फिर विश्वास जताया। संगठन में भी कद बढ़ा।
पार्टी——————लोकसभा—————विधानसभा
भाजपा—————134789 (62.79)————91292 (43.13)
कांग्रेस—————71696 (33.40)——— 96635 (45.66)
भाजपा का मत बढ़ा— 19.66 पतिशत
कांग्रेस का मत घटा— 12.26 प्रतिशत
किसका बढ़ा कद—किसका घटा कैलाश वर्मा— युवा नेता के तौर पर फिर से खुद को उपभरने का मौका मिलेगा। प्रतिद्वन्दीयों को जवाब मिला।
गंगा देवी— बड़ी हार से संगठन में खुद को फिर से साबित करने की चुनौती।