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इस सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए मची होड़, एक सीट पर प्रवेश के लिए आए 16 आवेदन

locationजयपुरPublished: Jun 29, 2020 02:34:12 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

लॉकडाउन और कोरोना काल के बाद अब अभिभावकों का रुझान सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की ओर बढ़ रहा है।

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लॉकडाउन और कोरोना काल के बाद अब अभिभावकों का रुझान सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की ओर बढ़ रहा है।

जयपुर। लॉकडाउन और कोरोना काल के बाद अब अभिभावकों का रुझान सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की ओर बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि एक सीट पर प्रवेश के लिए 16 आवेदन आने पर अब शिक्षा विभाग ने लॉटरी का रास्ता चुना है।
हर जिले में सीट की तुलना में अधिक आवेदन के कारण इन स्कूलों में लॉटरी से ही प्रवेश हो रहे हैं। दरअसल, प्रवेश के पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों में पिछले वर्ष शुरू किए गए एक-एक स्कूल में विद्यार्थियों को प्रवेश दिए गए हैं। सीटों की तुलना में औसतन 10-15 गुना आवेदन पूरे प्रदेश में आए हैं।
लॉकडाउन के बावजूद निजी स्कूलों में ली जा रही फीस, हर साल फीस वृद्धि व अन्य खर्चों से परेशान अभिभावकों को सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल उम्मीद की किरण लग रहे हैं। राजधानी के सबसे पहले मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की सौ सीटों पर प्रवेश के लिए 1600 आवेदन आए हैं। दाखिले के लिए शनिवार को लॉटरी निकाली गई।
अभिभावकों के अनुसार अभी तक शहरों में सरकार के केवल हिंदी माध्यम स्कूल ही थे। निजी अंग्रेजी स्कूलों में बच्चों को भेजना मजबूरी है। सरकार अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलेगी तो उन्हें विकल्प मिलेगा। बच्चे सस्ती और अच्छी पढ़ाई कर पाएंगे।
दूसरे चरण में 167 स्कूलों में प्रवेश
प्रदेश में इसी सत्र से शुरू 167 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जुलाई में दाखिले होंगे। जयपुर में 19 स्कूलों में प्रवेश दिए जाएंगे। इसके लिए अभी से ही अभिभावक ऑफलाइन आवेदन में जुटे हैं। इन स्कूलों में शिक्षक व प्रधानाचार्य लगाए जा रहे हैं। जल्द ही अन्य स्टाफ लगा दिया जाएगा। उसके बाद प्रवेश शुरू होंगे।
देशभर में निजी स्कूलों को ‘ना’
देश भर के अभिभावकों की रुचि सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़ी है। ऐसे में अगर सरकारें अपने स्कूलों पर ध्यान दें तो सरकारी स्कूलों का पुराना गौरव लौट सकता है। 10 से 15 प्रतिशत अभिभावकों ने अपने बच्चों के नाम निजी स्कूलों से कटवाकर सरकारी स्कूलों में लिखवा दिए हैं। यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आदि राज्यों में 15त्न तक अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करवा चुके हैं।
सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के प्रति अभिभावकों में अच्छा रेस्पोंस देखने को मिल रहा है। 167 स्कूलों में जल्द स्टाफ लग जाएगा, जिसके बाद वहां भी दाखिले शुरू हो जाएंगे।

सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
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