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गोविंद के दरबार राधा-कृष्ण ने खेली फूलों की होली

locationजयपुरPublished: Mar 25, 2021 06:23:37 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर (Govinddevji Temple) में तीन दिवसीय फागोत्सव के बाद गुरुवार को दो दिवसीय पुष्प फाग (Govinddevji Temple Pushp Phagotsav) शुरू हुआ। पहले दिन कोलकाता से आए बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने फाल्गुनी सरस भजनों की तान छेड़ी। उन्होंने ब्रज क्षेत्र की होली को भजनों के माध्यम से जीवंत कर दिया। कलाकारों ने भजनों की भावना के अनुरूप नृत्य की मनोरम प्रस्तुति दी। इस बीच कलाकारों ने फूलों की होली खेली।

गोविंद के दरबार राधा-कृष्ण ने खेली फूलों की होली

गोविंद के दरबार राधा-कृष्ण ने खेली फूलों की होली

गोविंद के दरबार राधा-कृष्ण ने खेली फूलों की होली
— पुष्प फागोत्सव
— भजनों की प्रस्तुति के बीच गोविंद दरबार फाल्गुनी रंग में रंगा

जयपुर। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर (Govinddevji Temple) में तीन दिवसीय फागोत्सव के बाद गुरुवार को दो दिवसीय पुष्प फाग (Govinddevji Temple Pushp Phagotsav) शुरू हुआ। पहले दिन कोलकाता से आए बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने फाल्गुनी सरस भजनों की तान छेड़ी। उन्होंने ब्रज क्षेत्र की होली को भजनों के माध्यम से जीवंत कर दिया। कलाकारों ने भजनों की भावना के अनुरूप नृत्य की मनोरम प्रस्तुति दी। इस बीच कलाकारों ने फूलों की होली खेली।
मंगलाचरण और गणेश स्तुति के बाद श्रीकांत शर्मा ने ‘उड़ती कुरजलियां संदेशों म्हारो लेती जाइजे रे…, म्हारा सतगुरू भया रंगरेज चुनरिया रंग डारी…, कान्हो चाले मरोड़ी चाल दिखाव रंग होली को…, भक्तों ने इतना रंग डाला सांवरिया लाल लाल हो गया… जैसे भजनों से माहौल को फाल्गुनी बना दिया। इसके बाद ‘गोविंद जी थारी सांवली सूरत… भजन के साथ नृत्य नाटिका में रेखा के नेतृत्व में कलाकारों ने राधा-कृष्ण और गोप-ग्वालिन के स्वरूप के साथ नृत्य किया। इसके बाद श्रीकांत शर्मा ने ‘नखरो छोड़ दे सांवरिया म्हासूं प्रेम बढ़ा ले रे… धमाल गाई। फागणियो रसीला आयो म्हारे मन भावतो म्हे तो थारे संग रंग फाग…, म्हारो कानूड़ो नखरालो…होली रो त्योहार सखियों हो जाओ तैयार सांवरो आवेलो जी आवेलो…गीतों की झड़ी लगा दी। कलाकारों ने जमकर नृत्य किया। दृष्टि और कृति ने अन्य कलाकारों के साथ नाचेंगे आज सारी रात धिनक धिन ता थैया… भजन पर नृत्य की प्रस्तुति दी। अजमेर के कलाकारों ने ओ बाज्यो सांवल जी को चंग सुरीलो पर कान्हा बने स्वरूप ने मोर नृत्य किया। श्वेता और प्रियंका ने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी और ‘लारयो छोड़ दे सांवरिया थारे पांय लागू छू… गीत के माध्यम से कृष्ण और राधा जी की ठिठोली का दर्शाया। कन्हैया होली में मरोरी भुज मोरी मैं खेलूं कैसे होरी… भजन सुनाकर राधा और सखियों की होली खेलने की विवशता का चित्रण किया। इस बीच कलाकारों ने भक्तों के साथ फूलों की होली खेली। कृष्ण और राधा बने स्वरूपों पर टोकरी भर-भर गुलाब के फूलों की पंखुडिय़ों की वर्षा की गई। कार्यक्रम संयोजक बालकृष्ण बालासरिया ने बताया कि शुक्रवार को भी श्रीकांत शर्मा के भजनों के साथ पुष्प फाग होगा। उधर, रचना झांकी में राधा-कृष्ण की झांकी के दर्शन हुए।
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