जयपुर। विश्व विरासत परकोटे (World heritage City) में अब भवन निर्माण करना आसान नहीं होगा। जयपुर शहर की चारदीवारी क्षेत्र में अब हेरिटेज समिति की अनुमति के बिना भवन निर्माण (Heritage Committee Permission Building Construction) नहीं हो पाएंगे। भवन निर्माण के लिए हेरिटेज समिति (Heritage Committee) की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए हेरिटेज नगर निगम आयुक्त ने आदेश जारी कर दिए है। इसमें मुख्य बाजारों के दोनों तरफ स्थित भवनों के साथ हेरिटेज महत्व की इमारतों व हेरिटेज वाॅक के दोनों ओर स्थित भवनों के निर्माण व पुनर्निमाण के लिए अब तीन समितियों की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं परकोटे के अंदरूनी गलियों और मुख्य बाजारों को छोडकर अन्य जगहों पर भवन निर्माण व पुनर्निमाण के लिए दो समितियों की अनुमति जरूरी होगी।
राष्टीय स्तर या राज्य स्तर के महत्वपूर्ण स्थलों, भवनों की स्वीकति के लिए सरकार से अनुमति लेना जरूरी होगी। हेरिटेज भवन या मुख्य बाजारों में भवन निर्माण की यूं मिलेंगी अनुमति
1. भवन निर्माण या पुनर्निर्माण के लिए आवेदन संबंधित जोन कार्यालय में करना होगा।
2. जोन कार्यालय की ओर से भूखंड स्वामित्व की जांच के बाद मौका रिपोर्ट और भवन विनियमों के अनुसार मानचित्र की जांच के बाद फाइल को हेरिटेज प्रकोष्ठ को भिजवाया जाएगा।
3. हेरिटेज प्रकोष्ठ की ओर से जांच के बाद फाइल को टेक्नीकल हेरिटेज कमेटी को भिजवाया जाएगा।
4. टेक्नीकल हेरिटेज कमेटी की अभिशंषा मिलने के बाद पत्रावली को भवन निर्माण एवं संकर्म समिति को भिजवाया जाएगा। यहां से अनुमोदन होने के बाद पत्रावली जोन कार्यालय में आएगी।
5. जोन कार्यालय की ओर से नियमानुसार देय राशि जमा करवाने के बाद भवन निर्माण की स्वीकति दी जाएगी।
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अंदरूनी गलियों या अन्य जगहों पर यूं मिलेगी अनुमति
1. भवन निर्माण या पुनर्निर्माण के लिए आवेदन संबंधित जोन कार्यालय में करना होगा।
2. जोन कार्यालय की ओर से भूखंड स्वामित्व की जांच के बाद मौका रिपोर्ट और भवन विनियमों के अनुसार मानचित्र की जांच के बाद फाइल को हेरिटेज प्रकोष्ठ को भिजवाया जाएगा।
3. हेरिटेज प्रकोष्ठ की ओर से प्रकरण की जांच के बाद फाइल को भवन निर्माण एवं संकर्म समिति को भिजवाई जाएगी।
4. भवन निर्माण एवं संकर्म समिति से अनुमति मिलने के बाद फाइल हेरिटेज सेल में भिजवाई जाएगी, जहां से फाइल संबंधित जोन कार्यालय मे भिजवाई जाएगी। जोन कार्यालय की ओर से नियमानुसार देय राशि जमा करवाने के बाद भवन निर्माण की स्वीकति दी जाएगी।
5. भवन निर्माण एवं संकर्म समिति के गठन नहीं होने की स्थिति में फाइल महापौर की ओर अनुमोदन की जाएगी।