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दुनिया में अपनी चमक बिखेरने को तैयार है राजस्थान का ये शहर, मिल सकता है विश्व धरोहर का दर्जा

locationजयपुरPublished: Sep 25, 2018 01:52:59 pm

Submitted by:

dinesh

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Unesco
जयपुर। गुलाबी नगर के चारदीवारी इलाके को World Heritage का दर्जा देने के दावे के परीक्षण के लिए UNESCO की टीम जयपुर दौरे पर है। यूनेस्को की टीम के दौरे का आज अंतिम दिन है। यूनेस्को टीम ने 3 दिन तक नगर निगम जयपुर की ओर से तय किए गए रूट पर निरीक्षण किया था। स्थानीय प्रशासन ने यूनेस्को टीम को चारदीवारी की खासियतों के बारे में जानकारी देकर उन्हें Jaipur का भ्रमण करवाया था। आज यूनेस्को की टीम अपने हिसाब से जयपुर का दौरा करेगी। यूनेस्को टीम में आए सदस्य खुद बिना तय रूट के चारदीवारी का भ्रमण कर पेश किए गए दावों का परीक्षण करेगी।

जयपुर सिटी ऑफ हैप्पीनैस एंड हैप्पनिंग सिटी यूनेस्को टीम इकोमॉस के विशेषज्ञ शरीफ शेम्स ईमोन के नेतृत्व में जयपुर का दौरा कर रही है। चारदीवारी क्षेत्र के विभिन्न व्यापार मण्डलों के प्रतिनिधियों, पार्षदों और स्थानीय नागरिकों ने वास्तु के आधार पर बसे गुलाबी नगर के बेहतरीन नगर नियोजन, हर गली-मौहल्ले की विशिष्ट व्यापारिक पहचान, उत्कृष्ट कला-संस्कृति, परम्पराओं, रिति-रिवाजों, पहनावे और खान-पान की गौरवशाली विरासत की जानकारी इकोमॉस टीम को दी। यूनेस्को टीम को बताया गया कि जयपुर एक लिविंग हैरिटेज है। जयपुर सिटी ऑफ हैप्पीनैस एंड हैप्पनिंग सिटी है।
स्थापत्य कला रहेगी मजबूत पक्ष
UNESCO टीम को बताया गया है कि जयपुर के बाजार और यहां की आवासीय बसावट बेहतरीन नगर नियोजन का उदाहरण हैं। शहर पूर्णतया वास्तु शास्त्र के आधार पर और दुनिया के बेहतरीन शहरों के नगर नियोजन के अध्ययन के आधार पर विद्याधर भटट् और सर मिर्जा इस्माईल के द्वारा बसाया गया। यह शहर नौ चौकडिय़ों पर बसा हुआ है। प्रत्येक गलियां मुख्य सडक़ों पर खुलती हैं। चारदीवारी क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम जो आज भी कायम है, जिसकी नहरों से घुड़सवार निकल सकता है। जयपुर के भव्य और कलात्मक प्रवेश द्वार, धूप बारिश से बचाने के लिए बरामदों के अन्दर से पैदल पथ, हेरिटेज कंगूरे, छतरियां, कलात्मक चौपड़, बेहतरीन चौराहे, वास्तु और आध्यात्म को समेटे मन्दिर अपनी कलात्मक और अनूठी विरासत को संजोए हुए हैं। इकोमॉस टीम सदस्यों को जयपुर की हेरिटेज विशेषताओं को समेटे एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। जयपुर की अनूठी स्थापत्य कला को विश्व धरोहर दर्जे के लिए मजबूती से रखा गया है।

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