8 रुपए में भी भोजन करने नहीं पहुंच रहे लोग, अब जगह बदलने की तैयारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 'कोई भूखा ना सोए' के संकल्प के साथ प्रदेश में शुरू की गई इंदिया रसोई योजना को लेकर सरकार में भले ही उत्साह हो, लेकिन राजधानी में ये योजना सफल नहीं हो पा रही है। राजधानी में रोजाना 20 से 30 फीसदी भी लोग इन रसोइयों (Indira Rasoi) में भोजन करने नहीं पहुंच रहे है। हालांकि इन रसोइयों में लोगों को 8 रुपए में भोजना खिलाया जा रहा है।

8 रुपए में भी भोजन करने नहीं पहुंच रहे लोग, अब जगह बदलने की तैयारी
— इंदिरा रसोई में लक्ष्य के मुकाबले 20 फीसदी लोग ही कर रहे भोजन
— राजधानी में ही सफल नहीं हुई इंदिरा रसोई योजना
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 'कोई भूखा ना सोए' के संकल्प के साथ प्रदेश में शुरू की गई इंदिया रसोई योजना को लेकर सरकार में भले ही उत्साह हो, लेकिन राजधानी में ये योजना सफल नहीं हो पा रही है। राजधानी में रोजाना 20 से 30 फीसदी भी लोग इन रसोइयों (Indira Rasoi) में भोजन करने नहीं पहुंच रहे है। हालांकि इन रसोइयों में लोगों को 8 रुपए में भोजना खिलाया जा रहा है।
सरकार ने शहर में हेरिटेज नगर निगम और जयपुर ग्रेटर नगर निगम में 20 इंदिरा रसोइयां शुरू की है। इनमें रोजाना 12 हजार लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन रोजाना यहां 20 से 30 फीसदी ही लोग भोजन करने पहुंच रहे है। अब नगर निगम प्रशासन ने इन रसोइयों से लोगों को जोड़ने के लिए फिर से कवायद शुरू कर दी है। जहां बहुत कम लोग भोजन करने पहुंच रहे, वहां इंदिरा रसोइयों की जगह बदलने की तैयारी है। जिन रसोइयों में गिने—चुने लोग भोजन करने पहुंच रहे है, उन रसोइयों को लोगों की पहुंच वाली जगह शिफ्ट करने की कवायद है। वहीं अब निगम प्रशासन ने लोगों को जोड़ने के लिए अधिक प्रचार—प्रसार भी फोकस कर दिया है। इब फिर से आॅटो आदि से शहर में इन रसोइयां का प्रचार किया जाएगा।
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