माजरा यह है कि एयरपोर्ट पर लगातार हो रही यात्रीभार में बढ़ोतरी के चलते यहां एक और टर्मिनल की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके चलते यहां एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) की ओर से वर्ष 2018 में टर्मिनल संख्या एक के रिनोवेशन का कार्य शुरू हुआ। शुरुआत में इसका काम तेजी से चला, लेकिन कोरोना के चलते यह धीमा पड़ गया।
इसे वर्ष 2019 के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य लिया गया था, लेकिन वो पूरा नहीं हो गया। कछुआ गति से कार्य के चलते यह वर्ष 2021 के शुरुआत में हैरिटेज के रूप में बनकर तैयार हो गया। इस दौरान एएआइ के अफसर इसके शुरू होने के लिए प्राधिकरण से पत्र लिखकर उद्घाटन की तारीख भी मांग चुके थे, लेकिन यह शुरू नहीं हो सका।
अडानी ग्रुप ने कमान संभाली तो... अक्टूबर माह में अडानी समूह ने पीपीपी मोड पर एयरपोर्ट की कमान अपने हाथ में ली। उसके बाद उन्होंने इस टर्मिनल की सूक्ष्मता से जांच पड़ताल की तो, पाया गया कि इसमें एयरक्राफ्ट की पार्किंग की दिक्कत है। साथ ही इसके भवन में भी तकनीकी तौर पर कई बदलाव होने है। इसके बाद अडानी समूह के अधिकारियों ने इसका सर्वे कराया। लेकिन अभी भी यह बंद पड़ा है। इसको लेकर कागजों में मैप तैयार हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसको लेकर अभी तक यह तय नहीं हैं कि यह कब तक शुरू होगा। इसमें कुछ बदलाव होने हैं।
एयरलाइंस कंपनियों ने भी नहीं दिखाई रुचि एयरपोर्ट अधिकारियों की मानें तो, एयरक्राफ्ट के पार्किंग की समस्या के समाधान होने तक इस टर्मिनल को शुरू कर टर्मिनल संख्या दो पर ही एयरक्राफ्ट पार्क किए जा सकते हैं। वहां तक बसों के माध्यम से यहां से यात्रियों को लाया और ले जाया जाए, लेकिन एयरलाइंस कंपनियों ने इससे इनकार कर दिया। उनका मत है कि इसमें खर्च ज्यादा होगा। ऐसे में सीधे तौर पर यहां एप्रेन बनने के बाद ही इस समस्या का समाधान संभव है। इसके लिए काफी मशक्कत भी करनी होगी।
यों पड़ी जरूरत जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रीभार में लगातार वृद्धि होने से स्पेस छोटा पड़ रहा था। टर्मिनल संख्या-2 से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों की आवाजाही होने से भीड़भाड़ रहती है। कई बार वीआइपी मूवमेंट होने या विमानों के डायवर्जन की स्थिति में भी काफी दिक्कतें होती हैं। ऐसे में दिल्ली की तरह यहां भी घरेलू व अंतरराष्ट्रीय विमानों के संचालन के लिए अलग-अलग टर्मिनल विकसित करना अहम उद्देश्य था।
फैक्ट फाइल -2018 में शुरू हुआ रिनोवेशन का कार्य -11,350 स्कवायर फीट में बना टर्मिनल-१ -67.20 करोड़ रुपए हुए खर्च - इसके शुरू होने से दोगुना तक हो जाएगी यात्री सुविधाओं की क्षमता
ये सुविधाए की गईं विकसित -यहां विदेश से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए ८ इमिग्रेशन काउंटर बनाए गए। -10 चैक-इन काउंटर बनाए गए हैं। यहां आर्ट से हवामहल को उकेरा गया है।
-वेटिंग एरिया में अलग-अलग 50 से अधिक यात्रियों के बैठने की क्षमता है। यात्रियों के लिए बड़ा स्पेस है। पर्यटन सीजन में भी यात्रियों को परेशानी नहीं होगी। -ड्यूटी फ्री शॉप, फूड कोर्ट, रेस्त्रां, कैफेटेरिया की भी सुविधा। प्रशासनिक भवन भी बनाए गए। सिक्योरिटी के भी चाक-चौबंद इंतजाम।
-वेटिंग एरिया, प्रसाधन व पार्किंग की सुविधा भी विकसित की गई है। होने हैं कुछ बदलाव टर्मिनल संख्या एक को शुरू करने को लेकर अभी कुछ नहीं कह सकते। इसमें कुछ बदलाव होने हैं। हालांकि अभी एयर ट्रैफिक भी कम है। इसे शुरू करने की जरूरत भी नहीं है। टर्मिनल संख्या दो से काम हो रहा है।
-विष्णुमोहन झा, चीफ एयरपोर्ट ऑफिसर