पार्टी प्रत्याशियों के अलावा चुनाव मैदान में डटे रहने वाले प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय शुरू होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बुधवार को शुभ दिन मानकर कई वार्डों में चुनाव कार्यालय शुरू हुए। इन्हीं चुनावी कार्यालयों से ही वार्ड प्रत्याशी अपनी-अपनी रणनीति बनायेंगे और प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे।
चुनावी माहौल बनाने और संभावित वोटर्स का ध्यान खींचने में प्रचार सामग्रियां खासा अहम् भूमिका निभाती हैं। ऐसे में निगम चुनाव के लिए प्रचार सामग्रियों की दुकानें भी सज गई हैं। राजनीतिक दलों के झंडे-बैनर्स सहित तमाम तरह के प्रचार आईटम्स की बिक्री रफ़्तार पकड़ रही है। कोरोना काल को देखते हुए इस बार ख़ास डिजाइन के मास्क भी प्रचार सामग्री का हिस्सा बन रहे हैं। डिमांड पर बालक ऑर्डर्स भी लिए जा रहे हैं।
प्रत्याशियों का ऑनलाइन प्रचार भी जोर पकड़ रहा है। कई वार्ड प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया प्लेफॉर्म्स पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। कोरोना काल होने के कारण ज़्यादातर प्रत्याशी घर-घर धोक लगाने से ज़्यादा डिजिटल कैम्पेनिंग का सहारा ले रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स ऐप पर प्रचार अभियान चलाने वाली कम्पनियाँ भी सक्रीय हो गई हैं। कंपनियों ने चुनाव को भुनाने के लिए स्पेशल पैकेजेज़ भी जारी किये हैं।
राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रत्याशियों में से ज़्यादातर ने प्रचार-प्रसार और वोट अपील करने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि पार्टी प्रत्याशियों का पूरा जोर अभी बागियों और अन्य निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर टाल ठोकने वालों को मनाने पर केन्द्रित है। लेकिन वार्डों का दायरा बड़ा होने और समय का भरपूर सदुपयोग करने के लिए प्रत्याशी समर्थकों का घर-घर पहुंचकर वोट अपील करने का सिलसिला कई जगहों पर शुरू हो गया है।