लोगों को इस आर्थिक बोझ से बचाने के लिए जयपुर डिस्कॉम बिजली चोरी पकडऩे का नया फॉर्मूला बनाया है। अभियंता बिजली चोरी पकडऩे के आंकड़ों का मायाजाल नहीं बुन सकेंगे, अब यूनिट के आधार पर बिजली चोरी-छीजत को कम करना होगा। टारगेट के तहत छीजत को 15 प्रतिशत पर लाना होगा, जो अभी अलग-अलग सर्किल में 25 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
फेल हुए तो यह होगा
परफार्मेंस रिपोर्ट में खराब प्रदर्शन अंकित होगा
वेतन वृद्धि रुकेगी
प्रमोशन में सीधा असर
चार्जशीट दी जाएगी
इस तरह होगा बदलाव
अभी तक यह: उपभोक्ता संख्या के आधार पर टारगेट दिया हुआ है। मसलन एक दिन में 10 उपभोक्ता या बिल्डिंग में चैकिंग करनी है। भले ही वहां बिजली चोरी मिले या नहीं। अभियंता इस टारगेट को पाने के लिए कच्ची बस्ती या अन्य इलाकों में छोटी-मोटी चोरी पकडक़र इतिश्री करते रहे हैं।
अब यह होगा: हर दिन यूनिट के आधार पर टारगेट दिया गया है। मसलन, अभियंता या संबंधित डिविजन को एक दिन में 50 यूनिट चोरी पकडऩी होगी। डिस्कॉम को चोरी हो रही इस बिजली की खरीद का पैसा चुकाना पड़ रहा है, लेकिन जब चोरी रोककर वहां बिलिंग शुरू की जाएगी।
यूनिट के आधार पर टारगेट तय कर समय सीमा भी तय कर दी। सितम्बर में लॉस 15 प्रतिशत तक लाना होगा। अभी तक विजिलेंस चैकिंग संख्या आधारित होती रही है।
-ए.के. गुप्ता, प्रबंध निदेशक, जयपुर डिस्कॉम