चार माह बीतने के बाद भी प्रदेश में इन आवासों पर काम शुरू होना तो दूर, प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृतियां भी जारी नहीं हो पाई हैं। जबकि मार्च माह में ही राज्य सरकार ने केन्द्र के लक्ष्यों के अनुरूप जिलों को आवासों की संख्या का आवंटन कर दिया था।
47 हजार आवास अब तक अधूरे
मौजूदा हालात देखें तो पूरे प्रदेश में औसतन 26 प्रतिशत ही आवासों की ( pradhan mantri awas yojana list ) स्वीकृति जारी हो पाई हैं। जबकि ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के अनुसार 15 अगस्त तक सभी जिलों में यह कार्य पूरा किया जाना है। गौरतलब है कि पिछले दिनों हुई विभाग की समीक्षा बैठक में पिछले तीन वर्ष के ही 47 हजार आवास अब तक अधूरे होने की बात सामने आई थी।
500 करोड़ राज्य को मिले
जिलों की यह लेटलतीफी तब है, जबकि केन्द्र सरकार योजना ( PMAY ) की पहली किस्त के तौर पर 500 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार को हस्तांतरित कर चुकी है। यह राशि जिलों को देने की कार्यवाही ग्रामीण विकास विभाग में प्रक्रियाधीन है। पहली किस्त के तौर पर केन्द्र से करीब 1300 करोड़ रुपए राज्य को मिलने है।
बीकानेर में 99 प्रतिशत, सवाई माधोपुर शून्य
3.64 लाख आवासों में से अब तक प्रदेश में करीब 95 हजार आवासों की ही स्वीकृति अभी जारी हुई है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार इनमें बीकानेर में सर्वाधिक 99 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि सवाई माधोपुर में एक भी स्वीकृति जारी नहीं की गई है। 16 जिले ऐसे हैं, जहां 20 प्रतिशत से कम स्वीकृतियां जारी हुई हैं।