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JLF 2018: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पत्र अहिंसा का महात्म्य

locationजयपुरPublished: Jan 26, 2018 04:27:44 pm

Submitted by:

rajesh walia

JLF 2018: यह ऐतिहासिक मूल्य के दस्तावेजों का सृजन है।

Jaipur Literature Festival 2018
जयपुर।

लिटरेचर फेस्टिवल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी दिलोदिमाग पर छाए रहे। ‘लेटर टू गांधी’ सेशन में गांधीवादी स्कॉलर त्रिदिप सुहराद ने महात्मा गांधी के उन 8500 पत्रों में लिखी बातों का उल्लेख किया, जो आम से खास लोगों ने उन्हें लिखे। क्लेक्टेड वर्क्‍स ऑफ महात्मा गांधी (सीडब्ल्यूएमजी) के पास गांधी द्वारा उनके जीवनकाल में लिखे गए 31 हजार से ज्यादा खतों का दस्तावेज है। ऐसे पत्रों का अध्ययन गांधी को समझने वालों को करना ही चाहिए।
गांधीवादी स्कॉलर त्रिदिप का तर्क है कि…
इसमें अहिंसा के सफर का पूरा महात्म्य समाया हुआ है, जौ मौजूदा हालात में बेहद जरूरी हो गया है। गांधीवादी स्कॉलर त्रिदिप का तर्क है कि गांधी की गैर हिंसा दो चीजों से पैदा हुई, अभ्यास और दक्षिण अफ्रीका में हिंसा का उनका अनुभव। गांधी की गैर हिंसा आसान ग्रीटिंग कार्ड दर्शन नहीं है, जिसे उठाया और पढ़ लिया। उस समझने के लिए गांधीवादी बनना होगा।
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खतों से पता चलेगा, एक पक्षीय संचार नहीं…
साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मृति न्यास के निदेशक रहे त्रिदिप ने बताया कि शोधकर्ता और विद्वान लंबे समय से गांधी को मिले खतों और अन्य स्वरूपों में मिले संवाद को टाइप करने और प्रकाशित करने की आवश्यकता महसूस करते रहे हैं। ताकि उनके द्वारा दिए जबावों को अच्छे तरीके से समझा जा सके। यह भी समझा जा सके कि क्या यह एक पक्षीय संचार तो नहीं।
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इन खतों के प्रकाशन के जरिए…
इन खतों के प्रकाशन के जरिए गांधी और उस समय के महान हस्तियों रोमां रोलां, रवीन्द्रनाथ टैगोर, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, मेडेलीन स्लेड (मीराबेन) और एस्थर फाइरिंग के बीच हुई बातचीत को समझना आसान होगा। यह ऐतिहासिक मूल्य के दस्तावेजों का सृजन है।

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