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Low-floor बसों की हड़ताल जारी,तीसरे दिन भी नहीं चली बसें,परेशान हो रहे लाखों यात्री

locationजयपुरPublished: Nov 06, 2017 10:56:21 am

Submitted by:

rajesh walia

ठेकेदार कंपनी के जेसीटीएसएल पर 8 करोड़ से ज्यादा बकाया कंपनी पैसा नहीं होने की वजह से नहीं कर पाई चालक—परिचालकों का वेतन भुगतान

Low-floor bus
जयपुर

जयपुर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की रीढ़ कही जाने वाली लो फ्लोर बसों की रीढ़ कही जाने वाली लो फ्लोर बसों के चालक—परिचालकों की हड़ताल की वजह जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड है। वजह इसलिए क्योंकि जेसीटीएसएल अपनी ठेकेदार कंपनी को अप्रैल—मई 2017 के बाद से बस संचालन के बदले कभी पूरा भुगतान नहीं कर पाया है। तब से लेकर अब तक जेसीटीएसएल की तरफ कंपनी के 8 करोड़ रूपए से ज्यादा बकाया हो गए हैं। इसके चलते कंपनी लो फ्लोर बसों के चालक—परिचालों को सितम्बर महीने के बाद से वेतन और दीवाली बोनस का भुगतान नहीं कर पाई। इसके विरोध में लो फ्लोर बसों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।
ढाई सौ से ज्यादा बसें बंद

ढाई सौ से ज्यादा बसें बंद शहर में कुल 470 लो फ्लोर बसें संचालित है। इनमें से सिर्फ 200 बसें ही चल पा रही है। इनमें भी 100 बसें वो हैं जिनका संचालन जेसीटीएसएल खुद कर रही है। जबकि ठेकेदार कंपनी 100 के करीब बसें ही चला पा रही है। इनके लिए गुजरात से बस चालक बुलाए गए हैं। जबकि शहर में अब भी ढाई सौ से ज्यादा बंद बसें डिपो में खड़ी हैं। जेसीटीएसएल प्रबंधन ने हाल ही में जिन 30 नई मिडी बसों का लोकार्पण किया था। वो भी हरमाड़ा बस डिपो में ही खड़ी है। जेसीटीएसएल करवाएगा मध्यस्थता लो फ्लोर बसों के चालकों—परिचालकों की हड़ताल को देखते हुए जेसीटीएसएल प्रबंधन ठेकेदार कंपनी और हड़ताली कर्मचारियों के बीच मध्यस्थता करवाएगा। दोनों पक्षों की बीच सुलह करवाने के लिए आज वार्ता होगी।
इसमें जेसीटीएसएल के अधिकारियों की मौजूदगी में हड़ताली कर्मचारियों की मांगों और ठेकेदार कंपनी के बीच वार्ता होगी। हरमाड़ा डिपो को 2 करोड़ देने से बिगड़े हालात जानकारी के अनुसार जेसीटीएसएल पर सितम्बर महीने में ही ठेकेदार कंपनी के 8 करोड़ रूपए बकाया हो गए थे। उस समय सरकार से जेसीटीएसएल को 3 करोड़ रूपए मिले थे। जेसीटीएसएल प्रबंधन ने इनमें से 2 करोड़ रूपए हरमाड़ा डिपो बनाने वाली कंपनी को दे दिए। क्योंकि नगरीय विकास मंत्री और जेसीटीएसएल अध्यक्ष एवं महापौर से इसका उदघाटन करवाना था। बाकी बचे एक करोड़ में से ठेकेदार कंपनी को सिर्फ 60 लाख दिए गए। ये राशि भी कंपनी को तब दी गई जब उसने सितम्बर में बसों का संचालन रोकने का नोटिस दे दिया था। महीने दर महीने भुगतान अटकने से ठेकेदार कंपनी अपने कर्मचारियों को भुगतान नहीं कर पाई और वे हड़ताल पर चले गए।

18 सितम्बर 2017 को समाचार प्रकाशित कर लो फ्लोर बसों का संचालन बंद होने की आशंका जता दी थी। जो नवम्बर में सही साबित हो गई। ये है जेसीटीएसएल का खर्च गणित
डीजल खर्च — 1.50 करोड़
चालक—परिचालक वेतन — 1.50 करोड़
बस मेंटिनेंस — 35 लाख
टायर स्पेयर पार्टस — 70 लाख
मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट 1.20 करोड़
हरीश ट्रांसपोर्ट 1.25 करोड़
टिकटिंग बिल तकनीक — 5 लाख
ये है बसों का गणित
कुल बसें — 479 चल रही बसें — 200 बंद खड़ी बसें — 279 विद्याधर नगर डिपो — 168 सांगानेर डिपो — 196 जेसीटीएसए7 —115 चल रही बसें — वर्जन ठेकेदार कंपनी और हड़ताली कर्मचारियों के बीच विवाद का निपटारा करने के लिए आज वार्ता होगी। इसमें जेसीटीएसएल प्रबंधन दोनों पक्षों में सुलह करवाने की कोशिश करेगा। बसें बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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