कोरोना का डर भूल लोग अलसुबह से ही पतंगोत्सव का जमकर लुत्फ उठा रहे है। खासकर चारदीवारी क्षेत्र में मकर संक्रांति का उल्लास देखने को मिल रहा है। परकोटे की पुरानी हवेलियों के साथ हर छत आबाद नजर आई। अलसुबह ही लोग छतों पर आ डटे और पतंगबाजी करते नजर आ रहे है। सूरज बढ़ने के साथ ही आसमान सतंरगी होता नजर आ रहा है। छतों पर डीजे पर बजते फिल्मी और राजस्थानी गानों की धुनों के बीच पतंगें भी ठुमकती नजर आई। वो काटा… की आवाज के बीच लोग पतंगें भी लूटते नजर आ रहे है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर रहे है। वहीं इससे पहले संक्रान्ति का पुण्यकाल इसी दिन सुबह 8 बजकर 05 पर शुरू हो गया, जो शाम 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस वर्ष यह संक्रान्ति बाघ पर सवार होकर धोबी के घर में प्रवेश कर रही है। वारनाम मिश्रा बनने से पशुपालकों व डेयरी उत्पादकों को प्रगतिकारक फल प्राप्त होंगे। नक्षत्रनाम मन्दा होने से इस माह में वैज्ञानिकों व विद्वज्जनों का रचनात्मक कार्यों में मन लगा रहेगा।