ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति पर इस बार तीन खास संयोग है। शुक्रवार और रोहिणी नक्षत्र का विशेष संयोग है। इस दिन रात 8.18 बजे तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। रोहिणी नक्षत्र को काफी शुभ माना जाता है। इस दौरान स्नान और दान-पुण्य करना शुभ होता है। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन आनंदादि और ब्रह्म योग है। सूर्य देव 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में आ रहे है। वहीं शनि देव पहले से ही मकर राशि में है। बुध ने गत दिसंबर में मकर राशि में गोचर किया था। ऐसे में मकर राशि में एक साथ शनि, बुध और सूर्य देव रहेंगे।
किस राशि पर क्या रहेगा प्रभाव…
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास बताते है कि सूर्य के मकर राशि में आने से अलग—अलग राशियों पर अलग —अलग प्रभाव पड़ता है। इन राशियों के लिए रहेंगे शुभ…
मेष, वृष, मिथुन, कर्क, तुला, धनु, मकर, मीन
इनके लिए मध्यम फलदायक
सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ,
मेष राशि : सूर्यदेव दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आपके करियर और पिता की उन्नति से संबंध रखता है। वृष राशि : सूर्यदेव नवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में नवां स्थान भाग्य का स्थान है।
मिथुन राशि : सूर्यदेव आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आयु से संबंध रखता है। कर्क राशि : सूर्यदेव सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान जीवनसाथी का होता है।
सिंह राशि : सूर्यदेव छठे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान मित्र का होता है। कन्या राशि : सूर्यदेव पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान विद्या, गुरु, विवेक, संतान और जीवन में रोमांस से संबंध रखता है।
तुला राशि : सूर्यदेव चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान माता, भूमि-भवन और वाहन के सुख से संबंध रखता है। वृश्चिक राशि : सूर्यदेव तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान भाई-बहन और आपकी अभिव्यक्ति से संबंध रखता है।
धनु राशि : सूर्यदेव दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान धन से संबंध रखता है। मकर राशि : सूर्यदेव पहले स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान व्यक्ति का अपना स्थान होता है।
कुंभ राशि : सूर्यदेव बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान शैय्या सुख और व्यय से संबंध रखता है। मीन राशि : सूर्यदेव ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आमदनी और कामना पूर्ति से संबंध रखता है।