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सूर्य दक्षिणायन से बढ़ेंगे उत्तरायण की ओर

locationजयपुरPublished: Jan 14, 2020 05:52:56 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

शहर में मकर संक्रांति पर्व (Makar Sankranti 2020) का उल्लास शुरू हो चुका हैं। इस बार मकर संक्रांति पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। पहले दिन पतंगोत्सव (Kite festival) का उल्लास नजर आ रहा है, शहर में छतों पर नजर आया। दिनभर आसमान में पतंगों का राज रहा। वहीं 15 जनवरी को दान-पुण्य का दौर चलेगा। इस बार मकर संक्रांति गर्दभ पर सवार होकर आ रही है। सूर्य रात दो बजकर 8 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

सूर्य दक्षिणायन से बढ़ेंगे उत्तरायण की ओर

सूर्य दक्षिणायन से बढ़ेंगे उत्तरायण की ओर

सूर्य दक्षिणायन से बढ़ेंगे उत्तरायण की ओर
– सूर्योदय के साथ ही शुरू होगा दान-पुण्य, सूर्यास्त तक चलेगा दौर


जयपुर। शहर में मकर संक्रांति पर्व (Makar Sankranti 2020) का उल्लास शुरू हो चुका हैं। इस बार मकर संक्रांति पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। पहले दिन पतंगोत्सव (Kite festival) का उल्लास नजर आ रहा है, शहर में छतों पर नजर आया। दिनभर आसमान में पतंगों का राज रहा। वहीं 15 जनवरी को दान-पुण्य का दौर चलेगा। इस बार मकर संक्रांति गर्दभ पर सवार होकर आ रही है। सूर्य रात दो बजकर 8 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। एेसे में मकर संक्रांति रात 2 बजकर 08 मिनट पर गधे पर सवार होकर धोबी के घर प्रवेश करेगी। इस बार मकर संक्रांति का उपवाहन मेष (बकरी) रहेगा। संक्रांति मंगलवार को मध्यरात्रि में प्रवेश करने से महोदरी वारनाम योग बन रहा है।
संक्रांति के समय तैतिल करण रहेगा, जिससे संक्रांति का वाहन गर्दभ रहेगा और उपवाहन मेष यानी बकरी रहेगी। खगजाति की यह संक्रांति शरीर पर मिट्टी का लेप लगाकर अरुण (लाल) रंग के वस्त्र तथा केतकी की माला धारण करके हाथ में दण्ड नामक शस्त्र लेकर कांसी के पात्र में पकवान का भक्षण करती हुई रात्रि में तृतीय प्रहर में प्रवेश कर रही है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि यह संक्रांति गधे पर सवार होकर धोबी के घर में प्रवेश कर रही है। वारनाम महोदरी होने से असामाजिक तत्त्वों को बढ़ावा मिलेगा। नक्षत्रनाम घोरा बनने से अल्पसंख्यक व आदिवासी वर्ग को सरकार की आेर से अतिरिक्त लाभ की घोषणाएं हो सकती है। वाहन, अस्त्र-शस्त्र एवं वस्त्र से जुड़े व्यापारियों को भी परिश्रम का लाभ कम मिलेगा। यह संक्रांति 30 मुहूर्ती की होने से धान्यादि के भावों में स्थिरता बनेगी।
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