रविवार सुबह तेज रफ्तार बस ने बाइक सवार बुजुर्ग दम्पति को टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में नाथू लाल की दिन में ही मौत हो गई थी, जबकि उसकी उसकी पत्नी नानगी देवी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उसने भी रविवार रात दम तोड़ दिया।
छह साल में गई 44 जानें राजधानी में पिछले छह साल के दौरान लो फ्लोर बसों की चपेट में आने से 44 लोगों की जान चली गई। वहीं, 135 लोग घायल हुए हैं। नियमों की अवहेलना पर चार साल में सिर्फ 25 चालान इन बसों के बनाए गए। वहीं, प्रदूषण फैलाने का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया।
गृह विभाग की एक रिपोर्ट में इसका हवाला दिया है। गृह विभाग के अनुसार वर्ष 2014 से 2017 के बीच दुर्घटना से संबंधित प्रकरणों के कुल 116 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए थे।