नगर निगम ने 1 सितम्बर 2017 से शहर के प्रत्येक वार्ड में दो पारियों में फोगिंग करने का अभियान छेड़ा था। तब ये घोषणा की गई थी कि 2 व्हीकल माउंटेड फोगिंग मशीन और 7 पोर्टेबल फोगिंग मशीनों से पूरे साल फोगिंग की जाएगी। रोजाना सुबह 9 से दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक फोगिंग की जाएगी। जिससे की जयपुर को मॉस्किटो फ्री सिटी यानी मच्छर रहित शहर बनाया जा सके। फोगिंग का जिम्मा वार्ड के स्वास्थ्य निरीक्षक और पार्षद को सौंपा गया था। निगम का मॉस्किटो फ्री सिटी की घोषणा सिर्फ जुबानी जमा खर्च ही साबित हुआ है।
नगर निगम प्रशासन जब शहर में फोगिंग करके मच्छर मारने में नाकाम रहा तो बरसाती मौसम में घरों, दुकानों या प्रतिष्ठानों से जुर्माना वसूलने की कवायद शुरू कर दी। नगर निगम ने 2018 के मॉनसूनी सीजन में जिन घरों या प्रतिष्ठानों के आसपास पानी में लार्वा मिला उनसे 500 रूपए जुर्माना वसूला था। निगम प्रशासन इस बार भी बरसाती पानी जमा होने और लार्वा मिलने पर जुर्माना वसूल रहा है। लेकिन फोगिंग करके शहर के लोगों को मच्छरों से निजात नहीं दिला रहा। गौरतलब है कि मच्छरों के प्रकोप को देखते हुए राज्य में डेंगू दिवस के उपलक्ष में 16 मई से 15 दिन तक डेंगू पखवाड़ा आयोजित किया गया। इस दौरान लोगों को डेंगू मच्छर से बचने के प्रति जागरूक किया गया। लेकिन नगर निगम खुद जागरूक नहीं हुआ।
2-सड़क पर ठहरे पानी को साफ करवाने के लिए स्थानीय
जनप्रतिनिधि या स्थानीय प्रशासन को अवगत कराएं.
3- अपने घरों पर पुराने बर्तनों, टायरों, गमलों और
अन्य पात्रों में बरसाती पानी जमा नहीं होने दें.
4-कूलर का पानी नियमित अंतराल से साफ करते रहे हैं.
2-कपूर की गंध और धुआं मच्छरों को भगा सकता है मच्छरदानी या मच्छर
भगाने वाली अगरबत्ती या अन्य साधनों का भी उपयोग किया जा सकता है.
3-पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें.
4- नारियल का तेल शरीर पर अच्छी तरह लगाकर भी मच्छरों के प्रभाव से
बचा जा सकता है.
5- डेंगू का मच्छर अधिक उंचाई तक नहीं उड़ता, ऐसे में पैरों में घुटनों से
नीचे के हिस्से को पूरी तरह ढककर रखने से डेंगू के मच्छर से बचा जा
सकता है.