जयपुर मेयर Jaipur Mayer के लिए कांग्रेसCongress में नेताओं की लाइन Queलंबी होने लगी है। इसमें ज्यादातर नेता वो है जिन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट नहीें मिल पाया था और अब ये नेता मेयर बनने के सपने देख रहे है। प्रदेश में इस बार मेयर, सभापति और अध्यक्ष का चुनाव भी जनता ही करेगी और इसलिए ये लाइन कुछ ज्यादा ही बढती जा रही है। मेयर के लिए लॉटरी सितंबर के पहले सप्ताह में निकलेगी और इसके बाद यह पता चल पाएगा कि जयपुर में मेयर कौनसे वर्ग से होगा।
जयपुर में इस बार वार्डो की संख्या भी बढा दी गई है। पिछली बार 91 वार्डो में चुनाव हुए थे और इस बार डेढ सौ वार्डो में चुनाव होगा। इसमें जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट के भी कुछ वार्ड आएंगे। ये वार्ड झोटवाडा और आमेर विधानसभा के है। वैसे तो एक चर्चा यह भी है जयपुर में दो मेयर हो सकते है। एक मेयर परकोटे में और एक मेयर परकोटे से बाहर का, लेकिन अभी यह होना मुश्किल लग रहा है क्यों कि नगर निगम दो बनाने से और आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। यहीं नहीं राजनीतिक दलों में कई नेताओं के पुत्र- पुत्री और रिश्तेदार भी टिकट की जुगाड़ में लगे हैं। जयपुर में कुछ नेता जातिगत आधार बनाकर भी टिकट के लिए लाबिंग कर रहे है। इनमें ब्राहम्ण,वैश्य राजपूत, माली, अन्य ओबीसी और एससी जाति के भी आधा दर्जन कांग्रेस नेता टिकट मांग रहे हैं। हालांकि लॉटरी नहीं खुलने के चलते अभी दावेदारी खुलकर तो सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके समर्थक जरुर स्वीकार कर रहे हैं कि वे टिकट पाने की कतार में है। ऐसे में अब देखना ये है कि इनमें से कौनसा नेता टिकट पाने में सफल होता है।