यूं उठी बात और बढ़ती गई
नगर निगम में मंगलवार को पट्टा वितरण समारोह हुआ। इसमें कृपलानी ने महापौर की ओर मुखातिब होते हुए सार्वजनिक मंच से कहा, गन्दगी और पॉलीथिन के मामलों में वसूली जा रही जुर्माना राशि बहुत ज्यादा है। इस मामले में शायद मेयर साहब का दिमाग सख्त है। सख्ती के नाम पर ली जा रही यह राशि कम करेंं। विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी यही राय है। महापौर ने तर्क दिया कि स्वच्छता के लिए सख्ती जरूरी है तो चिकित्सा मंत्री उखड़ गए। कृपलानी के सामने ही महापौर से कहा, आप कानून मत गिनाओ। बस लोगों की परेशानी कम करने का काम करो। इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक सुरेन्द्र पारीक, मोहनलाल गुप्ता भी मौजूद थे।
नगर निगम में मंगलवार को पट्टा वितरण समारोह हुआ। इसमें कृपलानी ने महापौर की ओर मुखातिब होते हुए सार्वजनिक मंच से कहा, गन्दगी और पॉलीथिन के मामलों में वसूली जा रही जुर्माना राशि बहुत ज्यादा है। इस मामले में शायद मेयर साहब का दिमाग सख्त है। सख्ती के नाम पर ली जा रही यह राशि कम करेंं। विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी यही राय है। महापौर ने तर्क दिया कि स्वच्छता के लिए सख्ती जरूरी है तो चिकित्सा मंत्री उखड़ गए। कृपलानी के सामने ही महापौर से कहा, आप कानून मत गिनाओ। बस लोगों की परेशानी कम करने का काम करो। इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक सुरेन्द्र पारीक, मोहनलाल गुप्ता भी मौजूद थे।
निगम यह कर रहा है सख्ती नगर निगम पॉलीथिन और गंदगी मिलने पर एक लाख रुपए तक जुर्माना वसूल रहा है। इस पर व्यापारी विधायकों के समक्ष आपत्ति जता रहे हैं। लोगों को मत बुलाओ, खुद जाओ पट्टे देने
महापौर ने एकसाथ पट्टे देने का कार्यक्रम रखा और 1500 पट्टे बांटने का दावा किया। बड़ा कार्यक्रम करने और मंत्री-विधायकों को बुलाने के लिए अब तक भूखंडधारियों के पट्टे रोके गए। इस पर कृपलानी ने महापौर से कहा, लोगों को यहां बुलाकर परेशान मत करो, आइंदा मौके पर जाकर पट्टे दो।
महापौर ने एकसाथ पट्टे देने का कार्यक्रम रखा और 1500 पट्टे बांटने का दावा किया। बड़ा कार्यक्रम करने और मंत्री-विधायकों को बुलाने के लिए अब तक भूखंडधारियों के पट्टे रोके गए। इस पर कृपलानी ने महापौर से कहा, लोगों को यहां बुलाकर परेशान मत करो, आइंदा मौके पर जाकर पट्टे दो।
इतना जुर्माना वसूलना ठीक नहीं है। जुर्माना उतना ही तय हो, जितना लोग दे पाएं। इसलिए नगरीय विकास मंत्री को जुर्माना राशि घटाने के लिए कहा। कालीचरण सराफ, चिकित्सा मंत्री