विशेषज्ञों का कहना है कि मेट्रों (Jaipur Metro) को ज्यादा से ज्यादा हाईवे से जोड़कर और मेट्रो स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन सुविधा बेहतर करते सवारियों को बढ़ाया जा सकता है।
जमीन पर उतरें योजनाएं : सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने वर्ष 2022-23 के बजट में फेज-1 सी और 1 डी की घोषणा की थी। दोनों प्रोजेक्ट को वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई, मगर काम अब तक नहीं शुरू हुआ। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से अजमेर रोड से दिल्ली और आगरा रोड का परकोटा होते हुए जुड़ाव हो जाएगा।
फेज-2 पर भी हो काम : 23.5 किमी का यह रूट शहर के बीचों बीच से गुजरेगा। जो सीतापुरा से अंबावाड़ी को जोड़ेगा। तीन वर्ष पहले संशोधित डीपीआर भी तैयार हो गई, लेकिन केंद्र-राज्य में सांमजस्य न होने से योजना धरातल पर नहीं आ पा रही है। इस फेज को पूरा करने में 4600 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
उपनगरीय इलाकों को जोड़ा जाए : जयपुर के आस-पास तेजी से विस्तार हो रहा है। इन उपनगरीय इलाकों को भी मेट्रो सेवा से जोडऩे की जरूरत है। सीएम ने बगरू, फागी, चाकसू तक मेट्रो संचालन की घोषणा की थी। वहीं, ट्रांसपोर्ट नगर से बस्सी व चौमूं व गोविंदगढ़ तक मेट्रो की डीपीआर बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
जब तक लास्ट कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होगी, तब तब सार्वजनिक परिवहन पर यात्रियों का भरोसा नहीं होगा। मेट्रो का विस्तार होगा तो यात्री भार भी बढ़ेगा। अगर मेट्रो स्टेशन के बाहर ही बस मिल जाए तो लोग मेट्रो को ज्यादा प्रेफर करेंगे।
जमील खान