शहर में 4 हजार 359 विवाह स्थल हैं, जहां शादी-ब्याह हो रहे हैं। ये विवाह स्थन नगर निगम ने खुद चिह्नित किए हैं। जबकि निगम ने शहर में सिर्फ 589 विवाह स्थल ही पंजीकृत कर रखे हैं। इनमें से भी आधे मैरिज गार्डनों ने लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करवाया है। शहर में बिना लाइसेंस चल मैरिज गार्डनों को अब नगर निगम प्रशासन सीज करने की कार्रवाई करेगा। निगम अधिकारियों की मानें तो शहर के आठों जोनों में 4 हजार 359 एेसे स्थान चिह्नित किए हैं, जहां शादियां हो रही है। इनमें धर्मशाला, धार्मिक स्थल, सामुदायिक केन्द्र आदि भी शामिल है। जबकि निगम ने शहर में 589 विवाह स्थल ही पंजीकृत कर रख्ेा हैं। इनमें आधे विवाह स्थल संचालकों ने अपने मैरिज गार्डनों के लाइसेंस नवीनीकरण ही नहीं करवाए हैं। अब निगम प्रशासन ने बिना लाइसेंस चल रहे विवाह स्थलों की लिस्ट तैयार कर ली है। इन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। नगर निगम सिविल लाइन जोन के अधिकारी दो दिन पहले एक मैरिज गार्डन को सीज करने पहुंचे, वहां कार्यक्रम चलने से गार्डन संचालक ने मौके पर ही लाइसेंस शुल्क जमा करवा दिया है। हालांकि तीन मैरिज गार्डनों ने निगम ने सीज कर दिया।
नगर निगम उपायुक्त राजस्व प्रथम नवीन भारद्वाज ने बताया कि नगर निगम मैरिज गार्डनों के लाइसेंस शुल्क के रूप में 20 रुपए प्रति वर्गगज शुल्क लेता है। अगर नगर निगम जोन वाइज मैरिज गार्डनों की बात करें तो सबसे अधिक 142 मैरिज गार्डन सिविल लाइन जोन क्षेत्र में है। वहीं विद्याधर नगर जोन में 138 मैरिज गार्डन और मानसरोवर जोन में 128 मैरिज गार्डन निगम ने पंजीकृत कर रखे हैं। हवामहल पूर्व जोन में 18 मैरिज गार्डन, हवामहल पश्चिम में 4, मोती डूंगरी जोन में 35, आमेर जोन में 38 और सांगानेर जोन में 86 मैरिज गार्डन पंजीकृत कर रखे हैं।