जयपुर। नगर निगम (municipal Corporation) कार्मिकों में लेट आने व कार्यालय (Office) से गायब होने की सच्चाई शुक्रवार को महापौर विष्णु लाटा (Mayor vishnu lata) ने खुद ही पकड़ ली। महापौर लाटा सुबह निगम मुख्यालय (headquarters) का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। इस दौरान अधिकतर विभागों व प्रकोष्ठों में कर्मचारी व अधिकारी गायब मिले। इस पर महापौर लाटा ने प्रोग्रामर कक्ष में जाकर बायोमेट्रिक मशीन का डाटा चैक किया तो 250 से ज्यादा कर्मचारी व अधिकारी गैर हाजिरी मिले।
नगर निगम में देरी से आने वाले और लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ महापौर विष्णु लाटा ने सख्ती दिखाई है। लापरवाही बरतने पर एक लिपिक को गुरुवार को संस्पेंड करने के निर्देश देने के दूसरे दिन शुक्रवार को देरी से आने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किए। महापौर ने सुबह निगम मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया और सभी शाखाओं के चैम्बर में गए। इस दौरान कुर्सियां खाली देख महापौर नाराज हो हुए और 250 कर्मचारियों और अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। वहीं अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखने के लिए भी निगम प्रशासन को निर्देश दिए। पिछले कुछ दिनों से अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत महापौर को मिल रही थी। कार्मिकों की कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए महापौर ने जब विभिन्न प्रकोष्ठों का दौरा किया तो अधिकांश कार्मिक अनुपस्थित मिले।
6 माह से एक पट्टे की फाईल को बिना कारण रोका पट्टों की फाइलों को लेकर महापौर विष्णु लाटा ने गुरुवार केा निगम अधिकारियों की राउंड टेबल बैठक ली। बैठक में सामने आया कि राजस्व शाखा के एक कार्मिक ने 6 माह से एक पट्टे की फाईल को बिना किसी कारण के अपने पास रोक रखा। इस पर महापौर ने राजस्व शाखा में कार्यरत लिपिक को राजकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर निलम्बित करने के निर्देश दिए।