नगर निगम प्रशासन ने अब यूडी टैक्स वसूली के साथ नई प्रोपर्टी चिह्नित करने की कवायद भी शुरू कर दी है। नगर निगम ने इसके लिए निजी फर्म को टेंडर दे दिया है। यह फर्म यूडी टैक्स वसूली के साथ नई प्रोपर्टी चिह्नित भी करेगी और हर प्रोपर्टी का जिओ टेंगिग होगा। इसके लिए हर प्रोपर्टी का अलग से क्यूआर कोड होगा। इससे यूडी टैक्स के साथ नगर निगम को अन्य जानकारी भी मिल सकेगी। निजी फर्म को वर्क आॅर्डर दे दिया है। निगम अधिकारियों की मानें तो 15 साल पहले जो संपत्तियां चिह्नित की गई है, वे हाउस टैक्स के सर्वे के दौरान की गई थी। इसके बाद निगम अधिकारियों ने हर साल 200 से 500 नई संपत्तियां चिह्नित की है, जो यूडी टैक्स के दायरे में आ रही है, लेकिन निगम सूत्रों की मानें तो शहर में यूडी टैक्स के दायरे में आने वाली संपत्तियां करीब 3 लाख से अधिक है।
60 फीसदी प्रोपर्टी ग्रेटर जयपुर में
निगम प्रशासन ने ग्रेटर जयपुर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम में आ रही प्रोपर्टियों को यूडी टैक्स वसूली को लेकर अलग—अलग चिह्नित कर लिया है। इनमें से दोनों निगमों के लिए क्षेत्रवार निर्धारण कर दिया गया है। जयपुर ग्रेटर निगम में 60 फीसदी और हेरिटेज निगम में 40 फीसदी संपतियां रही है। राजस्व वसूली का निर्धारण ग्रेटर निगम के 7 जोन और हेरिटेज निगम के 4 जोन के हिसाब से किया गया है।
अब निजी फर्म वसूल करेगी यूडी टैक्स नगर निगम प्रशासन अब निजी फर्म से यूडी टैक्स वसूल करवाएगा। इसके लिए पहले कॉमर्शियल प्रॉपर्टी से यूडी टैक्स वसूल किया जाएगा। इसके लिए घर—घर दस्तक देने की तैयारी कर ली है।